पूर्वीभारत के खूबसूरत #सिक्किम प्रदेश के दक्षिण में स्थिति #नामची टाउन की #सोलोफोक_पहाड़ी पर स्थित है #सिद्धेश्वर_धाम, जो भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की झलक एक ही जगह इकठ्ठा कर बनाया गया बहुत ही सुन्दर वातावरण तथा परिसर वाला धाम है।
ऐसा माना जाता है कि इस स्थान की यात्रा किसी के भी पापों को धोने के लिए पर्याप्त है बशर्ते आप सच्छी श्रृद्धा से ऐसा करना चाहते हों। #भगवानशिव की #108फीट की #प्रतिमा बारह ज्योतिर्लिंगम के द्वारा बनाई गई परिधि से घिराहुआ है।
यहां भारत के चारों कोनों में स्थित #चारधाम, जैसे #रामेश्वरम, #सोमनाथ, #पुरी और #बद्रीनाथ और पूरे भारत में स्थित #12ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं।
पौराणिक कहानी : #अर्जुन #शिव से पशुपतिअस्त्र प्राप्त करने हेतु कठिन तपस्या करते हैं। शिवजी प्रसन्न हुए और अर्जुन के सामने प्रकट होकर #पशुपतिअस्त्र प्राप्ति का वरदान दे दिया।
माना जाता है कि यह शिव का प्रकट होना और वरदान में पशुपतिअस्त्र देना, इसी सोलोफोक पहाड़ी जो नामची से सिर्फ 5 km दूर है पर ही हुआ था। गंगटोक से यह 87 किमी दूर है।
"यहां बादलों के बीच से गुजरते हुये मंदिरों और भगवान #शिव की मूर्ति को #बादलों_के_बीच_से_उभरता हुआ देखना और फिर आपको एक झलक देकर वापस बादलों के बीच खो जाना जीवन भर #यादगार रहने वाला #अनुभव प्राप्त होता है।"
मंदिर का उद्घाटन 2011 में जगतगुरु #शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज ने किया था।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सिद्धेश्वर धाम मन्दिर का 16 अप्रैल 2013 को उद्घाटन किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया.
यह मंदिर सिक्किम राज्य सरकार द्वारा निर्मित है।