Sunil Kumar's Album: Wall Photos

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लद्दाख की गलवान घाटी और गुगरा गर्म पानी के सोते और पैंगोंग से चीनी सेना और भारतीय आर्मी का स्टैंड ऑफ समाप्त हो गया है, चीनी सेना भारतीय सेना के निर्देशानुसार ढाई किलोमीटर पीछे यानी अप्रैल 2020 वाले स्थिति में जा चुकी है,

लद्दाख में भारतीय सेना द्वारा रोड और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण निर्बाध रूप से चल रहा है और उसी गति से चलता रहेगा

चीन ने भारत पर दबाव बनाने और विभिन्न ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत द्वारा चीन के विरुद्ध स्टैंड लेने व् ताइवान का समर्थन करने पर यह सोचकर अपनी सेना लद्दाख में आगे भेजी थी कि शायद भारत डर जाएगा अपने स्टैंड से पलट जाएगा और संभव है इसी उहापोह में चीन भारत की कुछ टेरिटरी भी कब्जा कर सकेगा,

किंतु वास्तव में चीन ने कल्पना भी नहीं की थी कि भारत इतने कम समय में इतनी भारी संख्या में फौज, आर्टिलरी, मिसाइल बैटरीज़ और कॉम्बैट वाहन लद्दाख में डिप्लॉय कर चीन को घुटने टेकने और वापस जाने पर बाध्य कर देगा,

मैंने अपनी पिछली पोस्ट में भी कहा था कि चीनी धूर्त हैं मूर्ख नहीं, चीनी भली प्रकार जानते हैं एक्चुअल बैटलफील्ड और कॉम्बैट में चीन के लूलू पूपू सोल्जर किसी भी स्थिति में बैटल हार्डएंड इंडियन आर्मी के आगे नहीं टिक सकते, दूसरा जिस प्रकार का मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर लॉजिस्टिक सपोर्ट और सप्लाई लाइन भाजपा सरकार ने चीन की सीमाओं तक डेवलप करवा दी है उसके बाद चीन का कोई भी मिसएडवेंचर चीन की दशा 1967 के नाथूला और चो ला वाले युद्ध से भी कई गुना अधिक बुरी कर सकता है,

अतः चीन ने डोकलाम की तरह ही पुनः अपना थूका चाटा और कान दबाकर अपनी पूंछ अपनी टांगों के बीच दबाकर वापस पीछे खिसक लिया, सम्भवतः पैंगोंग में आईटीबीपी के जवानों द्वारा की गई चीनियों की सुताई के बाद जब चीनी सैनिक अपने आर्मर्ड वाहन, हथियार व् ड्राइवर छोड़कर जान बचाकर भागे थे उसी से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को बुद्धि आ गई कि भारत के साथ आर्म्ड कनफ्लिक्ट का क्या परिणाम होगा।

वैसे अब मुझे यह देखना है कि वह तथाकथित डिफेंस एक्सपर्ट अजय शुक्ला दीपक शावनी और जनरल पनाग जैसे प्रकांड बुद्धिजीवी जो चीनी सेना को सुपरमैन की आर्मी बता रहे थे और कोई 100 किलोमीटर, तो कोई 70 तो कोई 50 किलोमीटर का भारतीय इलाका चीनियों द्वारा कब्जा करने का दावा कर रहे थे उन्हें अब इस समाचार पर क्या कहना है