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#ब्राह्मण_विरोध
आज एक फैशन सा हो चला है कि ब्राह्मण का विरोध किया जाना चाहिए उसकी मूलत: शुरआत क्यों और कहाँ से हुई शायद ये बहुत कम ब्राह्मण जानते होंगे। ये कोई आज कल की बात नहीं सदियां इस बात की गवाह हैं कि ब्राह्मण को हमेशा से विरोध झेलना पड़ा है!!

1) ब्राह्मण विरोध की शुरुआत :

विरोध का मतलब हे किसी के मत को नकारना या उसका त्याग करना, धरती का सबसे प्राचीन धर्म रहा है वैदिक धर्म परन्तु कालान्तर में कुछ नए मत बने जिन्होंने वैदिक मत को नकार कर अपना मत स्थापित किया जैसे बुद्ध द्वारा कालांतर में बुद्ध धर्म की स्थापना हुई तो उन्होंने वेदों को नकारा.

वेदों को नकारना एक प्रकार से नास्तिकता की शुरआत थी इसलिए ब्राह्मणो ने नास्तिक मत को हटाकर वैदिक धर्म को सदैव उच्च ही रखा, कालांतर में बौद्ध और ब्राह्मणो का टकराव अब तक का दुनिया का सबसे पुराना और अबतक चलता आ रहा मतभेद है। सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म अपनाने के बाद जब वैदिक मत गर्त में चला गया, वैदिक यज्ञ पर रोक लगी और गुरुकुल में वैदिक ज्ञान के प्रचार पर रोक लगी तब एक योद्धा के रूप में ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंग ने उसको समाप्त करते हुए वैदिक धर्म को पुनः फैलाया।

पुष्य मित्र शुंग के बाद फिर बौद्ध मत भारत में सम्पूर्णता से फैल गया फिर वैदिक यज्ञों और कर्मो पर पाबन्दी लगी तब आदि गुरु शंकराचार्य जी ने वेदों के मत से बौद्ध मत को पराजित किया, इतना ही नहीं शंकराचार्य जी ने अपना रोद्र रूप इस धरती के नास्तिको के लिए छोड़ा जिसे याद करके आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

इस्लाम के उदय होने के साथ शुद्ध वैदिक मत मिटना शुरू हुआ और वर्ण व्यवस्था धीरे धीरे जातिवाद बनती गयी, पर्दा प्रथा की शुरआत हुई, आक्रमणकारी से बचने के लिए बाल विवाह की शुरआत हुई और ब्राह्मणो पर जुल्म बढ़ते चले गए।

उसके बाद हुए भारत में कही संप्रदाय जैसे आर्य समाज, कबीरपंथ, जिन्होंने ब्राह्मणो का विरोध किया कुछ मुद्दों को उठाकर किया जैसे आर्य समाज द्वारा मूर्तिपूजा पुराणों का विरोध हुआ, कबीरपंथ द्वारा कर्मकांड वैदिक कर्मो का विरोध हुआ उसी कड़ी में पाखंड को हथियार बना कर ब्राह्मण विरोध चलाया गया।

आज के भारत में ब्राह्मण विरोध थमा नहीं एक तरफ महाराष्ट में 1948 में ब्राह्मण विरोधी दंगे भड़के, ब्राह्मणो के घर गाँव साफ़ कर दिए गए वही कश्मीर में ब्राह्मण काट दिए गए या घर छोड़ने पर मजबूर कर दिए गए, तमिलनाडु में पेरियार द्वारा ब्राह्मणो के खिलाफ आन्दोलन हुआ, लोकतान्त्रिक भारत में बिहार के एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा ब्राह्मणो के सफाए का नारा लगा ,उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रही उनके द्वारा ब्राह्मणो को 4 जूते का नारा लगा आज भी रिवाज के तौर पर ब्राह्मण विरोध चरम पर है।

2) ब्राह्मण विरोधी कौन
:
दरअसल देश का संविधान, देश का कानून सवर्णो का समर्थक कभी नही रहा और उसके बाद से 65 साल का आरक्षण लागू है देश की व्यवस्था पूर्ण तरीके से धर्मनिरपेक्ष है,,उसके बाद भी ब्राह्मण अपने शिखर पर हैं ये सच हे कुछ लोगों के कलेजे और पिछवाड़ों में आग सी जलती है कि इतना मुश्किल सफ़र ब्राह्मणो के लिए डाला फिर भी वे सफल कैसे हो गए या हो जातें हैं।.

ब्राह्मण विरोध और कुछ नहीं इन्सान की खुद की विफलता है जिसे वो ब्राह्मणो की सफलता से जोड़ते हैं।
. धार्मिक स्तर पर धर्म भ्रष्ट करने का काम कुछ बाबा, व्यापारियों द्वारा किया गया।आज के समय में आप विभिन्न बाबाओ को देख सकते ह जो ब्रह्ममन नही है। म उनका नाम नही लेना चाहता आप समझ ले। जिसका ठीकरा भी ब्राह्मण के सर पर गिराया जाता ह।

धार्मिक क्रम में देखे तो भारत में बहुत सारे बौद्ध संघठन जैसे :-
1) भारत मुक्ति मोर्चा
2) बामसेफ
3) मूलनिवासी संघ
(4)ईसाई मिशनरीज
+
मुल्लो द्वारा sc st obc को ब्राह्मणो के विरुद भड़काने वाले संयुक्त संगठन
(buddha is a gateway to christ)AA
ब्राह्मण को विदेशी, आर्य, यूरेशियन बताकर हिन्दू ग्रंथो को तोड़ मरोड़ कर पेश करके दलितों के मत परिवर्तन का धंधा बड़ी तेजी से भारत में फैलाया जा रहा है,इनके अपने publications हैं जहाँ ब्राह्मण विरोधी अख़बार, किताबें और ग्रन्थो को छापकर सम्पूर्ण भारत में बांटा जा रहे हैं जो भारत में जातीय द्वेष की आग पैदा कर रहे हैं. इन संघो को ना सिर्फ धामिक स्तर पर बल्कि राजनीतिक स्तर पर समर्थन हासिल है।

3) ब्राह्मण समाज का भविष्य:-
ब्राह्मण विरोध चरम पर है उसपर नजर रखो, उनका काम है भावनाए भड़काना अगर दिल से नहीं दिमाग से चले तो बड़ी सरलता से इनको जवाब दिया जा सकता है. ब्राह्मण युवाओ को जागना होगा समझना होगा की विरोध कब युद्ध में बदल जाए कहा नहीं जा सकता. कश्मीर में जो हालत हुए हमारी आँखों के सामने हैं।
अखंड ब्राह्मण एकता का सकल्प लेकर वेद ज्ञान के साथ अपने विरोधियो को जवाब दो।
ईश्वर और धर्म को गाली कमजोर लोग देते हैं अगर ब्राह्मण हो तो ज्ञान से विरोधियो को हराओ।
विश्व के ब्राह्मण एक हो