#एक_खुलासा_ये_भी :- होनीं को अनहोनीं कर दे अनहोनी को होनी
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तो हुआ यूँ कि 4 जुलाई 1986 को राजीव गाँधी मॉरिशस की यात्रा पर निकल रहे थे। उसी दिन सुबह 6 बजे आकाशवाणी ने बाबू जगजीवन राम के निधन का दुखद समाचार प्रसारित किया। अब राजीव जी असमंजस में पड़ गए। दलितों की राजनीति करने वाली कांग्रेस का मुखिया एक कद्दावर दलित नेता की मृत्यु होने पर उनके घर न जाकर विदेश यात्रा पर निकल जाए और वहां तस्वीरें खिंचवाए ये तो अच्छा नहीं लगेगा। दूसरी तरफ, राजीव एक खूबसूरत देश का दौरा निरस्त करने के मूड में एकदम नहीं थे।
खैर कांग्रेस रणनीतिकार कोई कच्ची गोली तो खेले नहीं थे। सो राजीव गाँधी से कहा गया कि आप अपनी यात्रा जारी रखिये। हम लोग बाबू जगजीवन राम को आप के आने तक जीवित रखेंगे। आनन-फानन में जगजीवन राम के मृत शरीर को वेंटिलेटर पर लगाया गया और आकाशवाणी ने गलत समाचार प्रसारित करने के लिए खेद प्रकट कर लिया । देश में शोक की लहर ख़ुशी की बयार में परिवर्तित हो गयी ।
राजीव गाँधी मॉरिशस की यात्रा पर निकल गए। पूरी मौज-मस्ती की। वो दो दिन बाद वापस आये और तब बाबू जगजीवन राम को एक बार फिर से मृत घोषित किया गया ।
यही वो कांग्रेस है जिसने बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था यह यथार्थ सत्य है ।