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जम्मू कश्मीर में करीब 6500 लोगों को मिला डोमिलाइल सर्टिफिकेट, इनमें सबसे ज्यादा रिटायर्ड गोरखा सैनिक....

पिछले एक सप्ताह से जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करना शुरू किया है। करीब 6,600 आवेदकों को सर्टिफिकेट जारी भी हो चुके हैं जिनमें बड़ी संख्या में गोरखा समुदाय के रिटायर्ड सैनिक और अफसर हैं। सर्टिफिकेट जारी होने के बाद अब उन्हें प्रॉपर्टी खरीदने और यूनियन टेरिटरी में नौकरियों के लिए आवेदन करने की अनुमति मिल गई है। जम्मू के एडिशनल डिप्यूटी कमिश्नर (रेवेन्यू) विजय कुमार शर्मा ने कहा कि करीब 5900 सर्टिफिकेट अब तक जारी किए जा चुके हैं। वहीं कश्मीर में 700 के करीब सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं जिनमें से ज्यादातर गोरखा सैनिक और अधिकारी है।

हर दिन औसतन 200 आवेदन
जम्मू में बाहु के तहसीलदार डॉ. रोहित शर्मा ने कहा कि 'अकेले मेरी तहसील में, गोरखा समुदाय के लगभग 2,500 लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिए गए हैं। करीब 3500 लोगों ने इसके लिए अप्लाई किया था। वाल्मीकि समुदाय के कुछ लोगों को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में हमें लगातार आवेदन मिल रहे हैं। अभी तक करीब 33,000 आवदेन आ चुके हैं। हमें औसतन 200 आवेदन प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं। पिछले हफ्ते से डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करना शुरू किया गया है। 26 साल तक जम्मू-कश्मीर सरकार में सेवा देने वाले बिहार के IAS अधिकारी नवीन कुमार चौधरी पहले ऐसे नॉन लोकल ऑफिसर है जिन्हें डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया गया है।

15 दिन में जारी करना होगा सर्टिफिकेट
18 मई को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने डोमिसाइल नियमों को नोटिफाई किया था। इसमें एक राइडर लगाया गया था कि डोमिसाइल जारी करने वाले अधिकारी अगर 15 दिनों में सर्टिफिकेट जारी नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। गैर-स्थानीय लोग जो 15 साल से जम्मू-कश्मीर में रहे हैं, उनके बच्चे, केंद्र सरकार और केंद्रीय संस्थानों के अधिकारी और सात साल तक जम्मू-कश्मीर में अध्ययन करने वाले और दसवीं या बारहवीं की परीक्षा में बैठने वाले सभी इसे हासिल करने के हकदार हैं। बता दें कि गोरखा समुदाय के लोग यहां करीब 150 सालों से रह रहे हैं। उन्होंने इसकी लगभग आस छोड़ दी थी। लेकिन अब यह इंतजार खत्म होता दिख रहा है। वाल्मीकि समुदाय के लोगों को यहां 1957 में पंजाब से लाकर बसाया गया था।