शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि आज ऑस्ट्रेलिया का बाजार पूर्ण रूप से चीन का गुलाम बन चुका हैं। क्योंकि हम आज तक ऑस्ट्रेलिया को एक विकसित देश के रूप में ही जानते आए हैं।
किन्तु चीन ने कुछ ही वर्षो में अपने सस्ते सामानों से ऑस्ट्रेलिया के बाजार को पूरी तरह से पाट दिया। हालत ये हो गए कि खुद को विकसित राष्ट्र कहने वाला ऑस्ट्रेलिया नई-नई तकनीक से बढ़िया समान बनाना ही भूल गया।
इसलिए जब ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना के लिए सीधे चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए अमेरिका का साथ दिया तो चीन भड़क गया। उसने धमकी देते हुए कहा, कि वो ऑस्ट्रेलिया से व्यापार बन्द कर देगा। सांकेतिक रूप से उसने कुछ वस्तुओं पर रोक लगा दी। परिणामस्वरूप अब वो चीन के मामलों पर वैसा मुखर नही रहा, जैसे कुछ दिन पूर्व था।
इसके उलट भारत जो कि एक विकासशील देश हैं उसने चीन के 59 एप्प सहित कुछ चीनी कम्पनियों पर रोक लगाई तो चीन ऐसा न करने की अपील कर रहा हैं। अभी तक चीन ने एक बार भी भारत को व्यापार प्रतिबन्ध की धमकी नही दी। भारत के प्रतिबन्धों से चीन में बेरोजगारी संकट खड़ा हो गया हैं।
ये है भारत की ताकत। ये है हम भारतीयों की ताकत। ये हैं मोदी सरकार की ताकत। जिसने सम्भावित खतरे को भाँपकर पहले ही आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया था। जिस पर उतनी ही तेजी से कार्य चल रहा हैं, जितनी तेजी से सीमा पर सड़क निर्माण।
हम भारतीयों की जिजीविषा देखकर पूरी दुनिया दंग भी हैं और नतमस्तक भी। क्योंकि हम अभावों में रोते नही अपितु उसका निदान ढूंढते हैं। हम चीन द्वारा बने सामानों के आदी जरूर हैं लेकिन गुलाम नही।
आज भारत की ललकार ने ऑस्ट्रेलिया, जापान जैसे देशों में भी पुनः जोश भर दिया हैं।
गर्व कीजिए स्वयं पर ! गर्व कीजिए मोदी सरकार पर ! क्योंकि आज हम सुरक्षित हाथों में हैं !..
ये नया भारत हैं जिनपिंग ! जो घर में घुसकर भी मारता हैं और घर मे घुसे हुए को भी !.. इस बार गलत जगह ! गलत समय ! और गलत व्यक्ति से पंगा ले लिया रे ड्रैगन !!..