जो लोग #शंकराचार्यों का #वाणी,#लेखन, आदि से यहां सोशल मीडिया पर #अपमान कर रहें हैं वे इतना समझ लें कि आप जैसे #तुच्छ लोगों के कुछ भी कहने से शंकराचार्य का कुछ भी बिगड़ने वाला नही है वे लोग तो खुद ही सन्यासी हैं वे जो कुछ भी करते हैं उसमें हित सिर्फ हमारा है, समाज का है देश का है, हम हिन्दू सनातन धर्मी खुद ही अपनी जड़ें काट रहे हैं कोई किसी शंकराचार्य को राजनीतिक सिद्ध कर दे रहा तो कोई मूर्ख,
तो सुनो #मूर्खों तुममे से किसी 1 के पास यदि अपने ज्ञान का घमंड हो या तुम खुद को ज्यादा योग्य समझते तो 5 मिनट भी किसी एक शंकराचार्य के पास जाकर #शास्त्रार्थ करके आ जाओ तुम्हारी सारी विद्या-बुद्धि का घमंड चूर हो जाएगा।
संस्कार विहीन #प्रजाति आज हर विषय मे आनन्द , जोक, #चुटकुला ,खोज रही है लेकिन शायद वह नही जानती की वो अपनी ही जड़ें काट रही है।
चारों पीठ हर सनातन धर्मी हिन्दू के लिए पूज्य हैं इन पीठों पर आसीन महापुरुष शंकराचार्य कहलाते हैं,
ये लोग आपकी संस्कृति परम्परा की रक्षा कर रहे हैं , ये टी0वी0 , समाचार पत्रों में आये बिना भी आपके लिए निरंतर कार्यरत हैं
अन्यथा तुम आज की पीढ़ी, #क्रिश्चियन स्कूलों की पैदाइश तुम बचाओगे भारतीय संस्कृति, तुम्हारी औकात क्या है कि तुम शंकराचार्य पद पर बैठे किसी महापुरुष पर असभ्य टिप्पड़ी करो,
#मजहबियों से शिक्षा लो कि उनका एक मुल्ला कहीं से #बांग दे दे तो वे उसके विरुद्ध सार्वजनिक कभी भी नही बोलते,
और एक तुम हो जो #सरेआम शंकराचार्यों को गाली दे रहे हो, उनके पद, प्रतिष्ठा के विषय मे सवाल कर रहे हो।
मैं #चैलेंज करता हूँ बड़े बड़े प्रोफेसरों को कि अनन्त श्री विभूषित स्वामी श्री: निश्चलानन्द जी के व्याख्यानों को सुन लें एक बार मे पल्ले पड़ जाय तो बताना ।
इच्छा हो तो इस लिंक पर जाकर राममंदिर के विषय मे इनके वक्तव्य सुन आओ
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3123621961090004&id=100003266938481
अपने संस्कार, अपने धर्म, अपने धर्मगुरुओं का सम्मान करो।
आज अगर देश को जरूरत पड़ जाय तो सबसे ज्यादा यही, शंकराचार्य, सन्त, महंत, नागा, वैरागी, ब्रह्मचारी, साधु, मण्डलेश्वर, निकलेंगे अपनी अपनी #कुटी से, #गुफा से, #मठो से,
तुम खुद बैठे ac में टी0वी0 देखोगे और #बकलोलई ज्ञान झारोगे #फेसबुक पर।