ये राजाराम जी है ।अफ़ग़ानिस्तान के गजनी शहर के आख़री हिन्दू । इन्होंने अपने पूरे परिवार को भारत भेज दिया ताकि वो सुरक्षित रहे और खुद वहीं रहे वहां बचे एकमात्र मंदिर की रक्षा और सेवा के लिए ।
आपने विश्व के आखरी का कार्टून देखा होगा जो खुद से लड़ रहा है, ये एक देश के एक शहर के आखरी हिन्दू को भी देख लीजिए जो अपनी सभ्यता और धार्मिक स्थल की रक्षा कर रहा है ।
मरना तो एक दिन सबको है, पर अपने पूर्वजों की भूमि पर बने अपने देवताओं के मंदिर और अपनी सभ्यता संस्कृति के रक्षण करते हुए प्राण देने की हिम्मत और सौभग्य ईश्वर विरले लोगों को ही देते है ।