चीन के हमले में घाायल जवान सुरेंद्र सिंह के हवाले से उनके पिता और पत्नी ने बताया कि
हम 300-400 आदमी थे और चीन की तरफ से 2000-2500 लोग थे। अचानक कैसे हम उनके घेरे में अा गए, कुछ पता ही नहीं चला। उन लोगो के पास रॉड , डंडे और पत्थर थे जिनसे उन्होंने हम हमला बोल दिया ।
जबकि हमारे पास कुछ नहीं था हम बिल्कुल ख़ाली हाथ थे...लेकिन फिर भी हमने हार न मानी, हमने अपने हाथों को फौलाद बनाया और एक एक पर भारी पड़े पर अफसोस कि हमने अपने 20 साथियों को बचा नहीं सके, वो लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गए...