कमल कौशिश स्वदेशी's Album: Wall Photos

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कदम्ब के पेड़ को बरसातों में लगायें और स्वस्थ के लिये उससे लाभ उठायें औषधीय गुणों से भरपूर है कदम्ब का वृक्ष और फूल
एक प्रसिद्ध फूलदार वृक्ष है जिसके पत्ते बड़े और मोटे होते हैं और उनमे से गोंद भी निकलता है। कदम्ब के पेड़ के पत्ते महुए के पत्तों के समान और फल नींबू की भांति गोल होते है।
साथ ही फूल फलों के ऊपर ही होते है। कदम्ब का फूल छोटे और खुशबुदार होते हैं। कदम्ब के वृक्ष अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाते हैं। वैसे तो यह देश के कई स्थानों पर मिलते हैं परन्तु उत्तर भारत में इनकी कई प्रजातियां देखने को मिलती है।
यह राजकदम्ब, कदम्बिका आदि नामों से जाना जाता है। पुराणों में प्रचलित है की भगवान श्री कृष्ण कदम्ब के पेड़ के नीचे ही रहकर अपनी बांसुरी बजाया करते थे।
इस वृक्ष का जितना धार्मिक महत्व है उससे कई ज्यादा इसके लाभ आपकी सेहत से भी जुड़े हुए है। यहाँ तक की यह जहररोधक औषधि के नाम से भी जाना जाता है। इसके वृक्ष और फूल को बीमारियों को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आइये विस्तार से जानते है Kadam Tree Benefits
Kadam Tree Benefits: जानिए कदम्ब के अनगिनत फायदे
एलर्जी में सहायक
चार सौ ग्राम पानी में, बराबर मात्रा में कदम्ब के फल और पत्तियों के साथ उसकी छाल को मिला लें ध्यान रहे की प्रत्येक की मात्रा दस ग्राम हो)।
और फिर इन सबका काढ़ा बना लें और सुबह शाम इसका सेवन करें।
इस काढ़े से ना ठीक होने वाली एलर्जी भी ठीक हो जाती है।
इसके अतिरिक्त यह काढ़ा शरीर में उपस्थित जहर को भी खत्म कर देता है।
माताओं के दूध की कमी
जिन माताओं का दूध कम आता है वे माताए शतवार के चूर्ण के साथ कदम्बिका के चूर्ण को मिलाकर इसका नियमित सेवन करें।
इस उपाय को करने से आपके शिशु के लिए आपका दूध पर्याप्त मात्रा में होगा।
पशुओं के रोग
पशुओं के बाड़े में कदम्ब की पत्तियों और फूलों को रखना चाहिए।
इस उपाय को करने से पशुओं को बाहरी रोग नहीं लगते हैं।
और यदि पशुओं को कोई रोग हो जाए तो इसको रखने से कोई रोग नहीं फैलता है।
शरीर की दुर्बलता को दूर करे
यदि आपके शरीर में कमजोरी हो तो आप राजकदम्ब के फलों से बने चूर्ण का सेवन प्रतिदिन पानी के साथ करें।
पैरों की चोट व सूजन में लाभकारी
सूजन और चोट लगने पर उसके उपचार के लिए कदम्ब की छाल और पत्तों को लें फिर इसे पानी में उबाल लें|
और फिर उसमें थोड़ा नमक मिला लें और उससे पैरों की नियमित सिकांई करें।
इस उपाय से पैरों की चोट व सूजन ठीक होकर दूर हो जाती है।
बुखार आने पर लाभकारी
यदि बुखार है तो आप पांच तुलसी के पत्तों के साथ पांच ग्राम कदम्बिका की छाल को मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें।
इस काढ़े का सेवन थोड़े दिनों तक नियमित रूप से करने पर इससे बुखार जल्दी ठीक हो जाता है।
घाव ठीक करने के लिए सहायक
अगर कोई घाव ठीक नहीं हो रहा हों तो कदम्ब की पत्तियों और छाल को पानी में उबालें।
उसके बाद उसे गुनगुना होने पर उससे घावों को साफ कर ले।
ऐसा करने से आपके घाव जल्दी ठीक हो जाएगें।