मुकेश शर्मा श्रीमाधोपुर's Album: Wall Photos

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एक हिमाचली लड़का चंडीगढ़ में पढ़ता था, उसकी एक गर्लफ्रेंड थी जिससे वो नौकरी हासिल करने के बाद शादी करना चाहता था, मतलब एकदम आम लड़कों जैसी जिंदगी और सपने थे उसके लेकिन नियति ने उसके लिए कुछ खास सोचा हुआ था।

लड़के का सलेक्शन आर्मी में हो गया और उसकी ट्रेनिंग खत्म होने के तुरंत बाद ही कारगिल युद्ध शुरू हो गया, लड़के ने बहुत वीरता से अपनी टुकड़ी का नेतृत्व किया और युद्ध के दौरान ही उसे लेफ्टिनेंट से कैप्टन बना दिया गया।

अब उसकी टुकड़ी को एक असंभव से लगने वाले मोर्चे को जीतने का आदेश मिला, लड़के ने वहाँ भी अदम्य साहस का परिचय देते हुए युद्ध लड़ा और अपने एक जूनियर को बचाते हुए बुरी तरह घायल होकर वीरगति प्राप्त की।

सिर्फ 24 साल की उम्र में उस लड़के को अप्रतिम शौर्य के प्रदर्शन के लिए मरणोपरांत #परमवीर_चक्र से सम्मानित किया गया।

ये है साधारण से लगने वाले असाधारण लड़के #कैप्टन_विक्रम_बत्रा की संक्षिप्त जीवन यात्रा। युद्ध के दौरान इंटरसेप्ट की गई पाकिस्तानी घुसपैठियों और उनके कमांडरों की बातचीत से पता चलता था कि पाकिस्तानियों को भी विक्रम से कितना डर लगता था।

त्याग और बलिदान की गाथा विक्रम तक ही सीमित नहीं, विक्रम जिस लड़की से शादी करना चाहते थे उसने आज तक शादी नहीं की और वो चंडीगढ़ के किसी स्कूल में टीचर हैं।

जब कोई सैनिक हमारे लिये अपना सर्वोच्च बलिदान देता है तो उसी अनुपात में उसके परिजन भी बलिदान देते हैं। इसलिए सिर्फ सैनिकों का ही नहीं बल्कि उनके परिजनों का भी सम्मान कीजिये क्योंकि कोई सैनिक जब सीमा पर युद्धरत होता है तब एक युद्ध उसके परिवार वाले भी लड़ते रहते हैं।

#परमवीर_कैप्टन_विक्रम_बत्रा के बलिदान दिवस पर उन्हें और उनके प्रियजनों समेत सभी सैनिकों, उनके परिजनों को कोटिशः नमन।