प्रेम के त्योहार ईद पर लोग बधाई दे रहे थे, कितना प्यारा रंग बिखरता हैं माहौल में। प्यारा प्यारा लाल रंग फैला चहुंओर। होली की तरह थोड़े ही प्रकृति का नुक़सान होने दिया गया। चीखते, कलपते जानवर की सुमधुर ध्वनि का आनंद लिया लोगो ने, ये कोई होली जैसा हंगामा थोड़े ही था। जानवर को आराम आराम से आधा गला काटकर बड़े सुकून से अल्लाह के पास भेजा, कोई दीवाली की तरह पटाखे फोड़कर डरा थोड़े ही दिया। त्यौहार के दौरान पानी बिल्कुल बर्बाद नहीं किया गया जैसे कि होली पर किया जाता हैं।