SUMANJHA BIHARI's Album: Wall Photos

Photo 12 of 54 in Wall Photos

*‼️सेक्युलर हिन्दू का भविष्य‼️*


*हिन्दू सेक्युलर बैठ जरा,*
*तुझको तेरा भविष्य बताता हूँ!*
*तेरे बच्चों के संग क्या होगा,*
*उसकी तस्वीर दिखाता हूँ!!*

*जब मुस्लिम बहुसंख्यक होंगे,*
*तेरे बच्चे काटे जाएंगे!*
*वो भीख रहम की मांगेंगे,*
*बिल्कुल ना बख्से जाएंगे!!*

*औरत बहन तेरी बेटी,*
*भैया भैया चिल्लाएगी!*
*उनकी ये करुण चीखे,*
*माँ भारती को भी रुलायेगी!!*

*तू बंटवारे को रे सेक्युलर,*
*याद जरा सा तो करले!*
*जब भारत बंटा था टुकड़ों में,*
*उसको अपने मन में रख ले!!*

*जब मानवता का खून बहा,*
*वो पाकिस्तान याद कर ले!*
*30 लाख हिन्दू और सिख्ख कटे,*
*अपने ये जेहन में रख ले!!*

*जब हिन्दू नारी चीख रही थी,*
*अपनी अस्मत बचवाने को!*
*क्या कोई मुस्लिम आगे आया,*
*उनकी इज्जत बचाने को??*

*हर मुस्लिम जब बना दरिंदा,*
*मजबूर हुई अस्मत लुटवाने को!*
*अब मैं तुझको मूर्ख सेक्युलर,*
*आज़ादी का रंग दिखाती हूँ....*

*1990 के कश्मीर के,*
*तुझको हालात दिखाता हूँ!!*

*हर हिन्दू के घर इश्तिहार लगे थे,*
*खतना अपना करवा लो!*
*हम जान तुम्हारी बख्शेंगे,*
*बेशक तुम हमसे लिखवा लो!!*

*गर तुम मुस्लिम नही बने,*
*तो सारे मारे जाएंगे!*
*बहन और बेटी यहीं छोड़ो,*
*कश्मीर से तुम्हे भगाएंगे!!*

*हजारों सिख्ख हिन्दू कत्ल हुए,*
*उस काश्मीर की घाटी में!*
*मुस्लिम ने खंजर घोंपे थे,*
*मजबूर हिन्दू की छाती में!!*

*हिन्दू सिख्ख घाटी छोड़ गए,*
*अपनी ही जान बचाने को!*
*क्या भारत का सविंधान नही था,*
*उनका सम्मान बचाने को??*

*सुप्रीम कोर्ट था हाइकोर्ट था,*
*ह्यूमन राइटस क्या सोया था??*
*वी पी सिंह, मुफ़्ती मोहम्मद ने,*
*विश्वास देश का खोया था!!*

*ग़जवा-ए-हिन्द चल रहा देशमे,*
*मूर्ख सेक्युलर तुझे ज्ञान नही!*
*जब मुस्लिम-राष्ट्र बनेगा भारत,*
*इसका तुझको एहसास नही??*

*अब भी छोड़ सेक्युलर चोला,*
*लौट धर्म पर आ मूर्ख!*
*धर्म तेरा मिट जाएगा,*
*उस दिन क्या जागेगा मूर्ख??*

*मोदी, योगी और अमित शाह,*
*आए तेरा धर्म बचाने को!*
*उनका समर्थन कर ओ मूर्ख,*
*आए तेरा राष्ट्र बचाने को!!*

*ये अंत ठिकाना है भारत, फिर हिन्दू कहां पर जाएगा!*
*गर भारत मुस्लिम-राष्ट्र बना,*
*हिन्दू धर्म खत्म हो जाएगा !!*

*राष्ट्रहित सर्वप्रथम धर्मो रक्षिता रक्षतः*

*ऐ सेक्युलरों और उदारवादियों.... अभी भी वक्त रहते, आँखे खोलो, नींद से जागो, असलियत को पहचानो, ताकि अपने हिन्दू-धर्म, अपने मातृभूमि का कर्ज अदा कर सको, वरना कहीं, बहुत देर न हो जाए....*

*