यह अभिनव गोस्वामी हैं। १० साल तक अमेरिका में Apple कंपनी में ऊंचे पद पर रहने के बाद वह भारत लौट आए। लोगों ने उन्हें पागल समझा, लेकिन उन्होंने भारत की मूल संस्कृति के लिए कुछ करने का बीड़ा उठाया। देशी गाय के संवर्द्धन में उन्होंने खुद को खपाने का निर्णय लिया।
अलीगढ़ से अपनी 125 बीघा पुश्तैनी जमीन से काम शुरू किया। चाचा, ताऊ आदि व उनके लड़कों को समझाया तो सबने अपने हिस्से की जमीन उन्हें पट्टे पर दे दिया काम करने के लिए। आज उस जमीन पर 200 उन्नत श्रेणी की देशी गाय, उस गाय के गोबर-गोमुत्र से जैविक खेती, बायो गैस व सोलर से बिजली, वर्षा जल संचयन आदि के जरिए वह एक सफल उद्यम खड़ा कर चुके हैं। अब इसके एक हिस्से में गुरुकुल खोलने जा रहे हैं।
अभिनव गोस्वामी ने हर बात में सरकार को कोस-कोस कर समाज हितैषी होने का ढोंग नहीं किया, समाज को बदलने के लिए खुद को दांव पर लगाया, खुद बड़ी नौकरी व सारी सुविधाएं त्याग कर जमीन पर उतरे। समाज ऐसे लोगों से बनता और बदलता है। 2014 के बाद ऐसे लोगों ने समाज को बदलने के लिए अपनी-अपनी तरह से बीड़ा उठा रखा है। यह देश हम सबका है, और इसे स्वर्णिम बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।