इन दोनों को पहचानिए बहुत सारी सामानता है
ऐक का नाम सोनिया ऐण्टोणियो माइनोवा और दुसरे का नाम हेलेना है दोनों का सिर्फ चेहरा ही नही मिलता बल्कि विचार भी शतप्रतिशत मिलता है दोनों का क्रियाकलाप भारत विरोधी ही है
ऐक अस्तित्व वर्तमान से दुसरे का अतीत से है ।
हेलेना की कहानी ईसा तीन सो वर्ष पूर्व का है जब भारत पर यूनानि सिकंदर का आक्रमण हुआ उसी समय सम्राट चन्द्रगुप्त का उत्पति हुआ जो भारत के मगध जनपद पर आसीन हुए और भारत का रक्षा करते हुए सिकंदर को परास्त किया उसी मे सिकंदर ऐक सेना पति हुआ करता था सेलुकस जो सम्राट चन्द्रगुप्त के सामने आत्मसमर्पण किया और अपने प्राण के रक्षा हेतु अपनी अति सुंदर कन्या को सम्राट के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था और उसके सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए यह देखते हुए सेलुकस ऐक राजनीतिक समझौता किया और विवाह का प्रस्ताव रख दिया , जिसे चन्द्रगुप्त ने स्वीकार कर लिए पर अब बीच मे व्यवधान के रूप चाणक्य थे उनके गुरु जी जिन्हें यह रिश्ता स्वीकार नही था , पर बहुत प्रयास के बाद चाणक्य मान गए पर कुछ शर्तों के साथ ,
* यह विवाह मात्र आपके मनोरंजन के लिए ही होगा यह धर्म विवाह नही होगा
* इस महिला या इससे उत्पन्न संतान का भारत पर कोई अधिकार नही होगा ।
सम्राट ने यह शर्त स्वीकार कर लिया साथ मे सेलुकस भी पर मन से नही ,पर अंदर ही अंदर षड्यंत्र करते रहा भारत पर कब्जा करने के लिए पर इन बीच मे थे चट्टान स्वरूप चाणक्य जिसमे वह असफल होते गए ,
चन्द्रगुप्त के मरणोपरांत उनके धर्म पुत्र बिंदुसार को सिंहासन पर आसीन किया गया , अंदर ही अंदर हेलेना अपने अपरिपक्व पुत्र जस्टिन को मगध गड्डी पर बैठाने के लिए हर तरह का षड्यंत्र करती रही पर असफल रही और फिर बिंदुसार मरणोपरांत चक्रवर्ती सम्राट अशोक सिंहासन पर विराजमान होकर भारत के मान सम्मान को बढ़ाया ।
उसी प्रकार आज भी ऐक विदेशी महिला अपने अपरिपक्व बालक को भारत को थोपना चाहती है जो असंभव है । उस वक्त भी स्वार्थी लोग राष्ट्र के विरुध जाकर हेलेना का साथ दे रहे थे आज भी स्वार्थी लोग राष्ट्र के विरुध जाकर सोनिया ऐण्टोणो माइनो का साथ , पर विजय सदा सत्य और धर्म का ही होगा ।
जय माँ भारती
Kundan Jha