पूरे भारत के किसी भी शहर में यदि सीसीटीवी लगाने का टेंडर निकलता है तब चीन की कंपनी हिकविजन बेहद कम रेट में टेंडर भरती है और उसे टेंडर मिल जाता है
इतना ही नहीं भारत के कैंट एरिया में मिलिट्री एरिया में और हाईवे पर यदि सीसीटीवी लगाने का प्रोजेक्ट का टेंडर निकलता है तब यह कंपनी इतने कम रेट में टेंडर भरती है की एल1 होने की वजह से कानूनन इसे टेंडर मिल जाता है
हिक विजन चीन की सेना और चीन की सरकार की पार्टनरशिप कंपनी है और चीन इतनी साजिश के तहत सीसीटीवी प्रोजेक्ट लगाता है और उसमें ऐसे जासूसी उपकरण लगाए रहता है कि वह भारतीय सेना के मूवमेंट को आसानी से देख सकता है
अभी दिल्ली में केजरीवाल ने जो सीसीटीवी लगाया है वह पूरे दिल्ली का काम इसी चीन की सरकारी कंपनी को दिया गया है सोचिए यदि दिल्ली में सेना का मूवमेंट होगा तब मात्र कुछ ही सेकंड में चीन को पता चल जाएगा कि कितनी सेना का मूवमेंट कहां से हो रहा है इसी कंपनी ने भारत के तमाम हाईवे पर सीसीटीवी लगाया है
दरअसल कोई भी नेता अपने ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लेना चाहता यदि इस चीन की कंपनी को टेंडर न दिया जाए तब दूसरे नेता यह आरोप लगाएंगे सस्ता कोटेशन देने वाली कंपनी के बावजूद महंगा कोटेशन देने वाली कंपनी को ठेका क्यों दिया गया और भारत में इसी का फायदा उठाकर हिक विजन अपना नेटवर्क इतना बड़ा चुकी है कि भारत के हर एक सैन्य मूवमेंट की पल-पल की खबर चीन को मिलती रहेगी।