कभी-कभी श्रद्धा और विश्वास पर विज्ञान भी फेल हो जाता है
कभी-कभी ऐसे भी चमत्कार हो जाते हैं जिनका जवाब कभी विज्ञान भी नहीं दे सकता
भारत पाकिस्तान की भीषण लड़ाई चल रही थी बॉर्डर से कुछ ही किलोमीटर स्थित माता तनोट राय मंदिर के आसपास पाकिस्तान के जितने भी गोले गिरते थे एक भी गोले नहीं फटते थे
भारतीय सैनिकों ने जब माता तनोट राय की महिमा देखी तब वह तनोट राय मंदिर के आसपास मोर्चा बनाकर पाकिस्तानी सैनिकों पर भीषण हमला किए उधर पाकिस्तान के कर्नल और ब्रिगेडियर इस बात पर आश्चर्य चकित थे कि आखिर उनके तोप के द्वारा दागे गए गोले सैनिकों के पास गिरते हैं तो फटते क्यों नहीं
अंत में माता तनोट राय की कृपा से इस मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना बुरी तरह से हारी
आज भी मंदिर में पाकिस्तान के तमाम गोले रखे हुए हैं जो नही फ़टे
युद्ध खत्म होने के बाद पाकिस्तान के ब्रिगेडियर उस्मान खुद आकर माता तनोट राय के चरणों में शीश झुकाया था और उसने इस मंदिर के विजिटर बुक में लिखा अगर माता जी का यह मंदिर नहीं होता तब जैसलमेर और जोधपुर हमारा होता
आज यह मंदिर बीएसएफ के हस्तक है बीएसएफ इस मंदिर की देखभाल करती है दिन में चार बार आरती बीएसएफ के जवान करते हैं मंदिर में भंडारा भी बीएसएफ करती है