अंग्रेज अफसरों की संकट में मदद करने वाले कुछ भारतीय लोंगो को अंग्रेज अफसर पुल व सड़क बनाने के ठेके दे दिया करते
लेकिन उनके पहले शब्द होते थे कि यह राष्ट्र का मामला है यहां कोई कोताही बर्दास्त नही होगी आपको कमाई का कोई अन्य कार्य भी दे देंगे इसलिए उनके बनाये हुए पुल व भवन 100 साल से भी ज्यादा समय से आज भी चल रहे हैं
लेकिन आज कल के नेता व अधिकारी पहले अपना कमीशन लेने के बाद ठेका देते हैं और फिर आंखें मूंद कर उसे बनने देते हैं
फिर कमी रहना तो स्वाभाविक है