5 अगस्त को सिर्फ मंदिर निर्माण नही है हर सचे हिंदू की आस्था का निर्माण भी है।
लेकिन नीचे दी गई तस्वीर ने मुझे विचलित कर दिया गया।
श्री राम जन्मभूमि शिलान्यास के इस पावन मौके पर मोहम्मद फैज खान श्री राम जी के ननिहाल दक्षिण कौशल (छत्तीसगढ़) माता कौशल्या मंदिर की मां की पावन मिट्टी के साथ छत्तीसगढ़ से अयोध्या तक पैदल यात्रा पर आ रहे हैं।
फैज खान एक मुस्लिम है और मिट्टी लेकर आ रहे हैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के शिलान्यास के लिए। बात बड़ी अजीब है और फैज खान अपने आपको राम भगत कहते हैं।
कुछ सवाल मन में आ रहे हैं।
इतने लंबे इंतजार और संघर्षों के बाद भी बहुत सारे राम भक्तों ने अपने प्राण निछावर कर दिए इस पावन भूमि को प्राप्त करने के लिए लेकिन इतना लंबा समय किस कोम की वजह से लगा।
किस कोम की वजह से इतने वर्षों तक मंदिर निर्माण नहीं हो पाया।
अगर फैज खान अपने आप को राम भगत कहते हैं तो फिर विधि विधान से उन्हें हिंदू धर्म धारण करना चाहिए और जिन मुसलमानों ने धर्म परिवर्तन कर लिया था उन्हें वापस अपने मूल धर्म में लाने के लिए बहुत प्रयास करने चाहिए थे।
5 अगस्त को जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्मभूमि का भूमि पूजन होगा और हर सच्चा हिंदू टीवी के माध्यम से उस पल का गवाह बनेगा तो क्या एक मुस्लिम का वहां पर होना हर सच्चे हिंदू के मन को ठेस नहीं पहुंचाएगा।
जब मक्का मदीना में सिर्फ मुसलमान जा सकता है तो फिर राजा रामचंद्र के जन्म स्थान की इस पावन भूमि पर एक मुसलमान क्यों?
सवाल तो बहुत सारे है परंतु करे क्या?
इस तस्वीर को देखने के बाद आने वाली 5 तारीख की खुशी थोड़ी-थोड़ी बेचैनी में तब्दील होने लगी है।
अगर यह गंगा जमुनी तहजीब और तुष्टीकरण की राजनीति है तो फिर कुछ कहने को राही नहीं जाता है।