अपने आसपास देखिए, #राममंदिर निर्माण से कितने लोगों को अंतर पड़ता है? कितने हिंदुओं के लिए यह मायने रखता है? मुश्किल से 25-30 करोड़ हिन्दू अयोध्या में #श्रीरामजन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण से प्रसन्न होते हैं, बचे हुओं के लिए यह मात्र करंट अफेयर्स या न्यूज़ का टुकड़ा भर होता है। कितने हिंदुओं ने गले मिलकर श्रीराममंदिर की बधाई अपनों को दी?
लोग पूछते हैं, अयोध्या में #श्रीराम मन्दिर का निर्माण प्रशस्त हो गया, काशी और मथुरा कब स्वतंत्र होंगे? तो सुनिए... आज 25 करोड़ हिंदुत्ववादी हैं तो राममन्दिर बन गया, जिस दिन 50 करोड़ हिंदुओं के हृदय हिंदुत्व के लिए धड़केंगे कृष्णजन्मभूमि पर कृष्णमन्दिर बन जाएगा, जिस दिन 75 करोड़ हिंदुओं का स्वाभिमान जागृत हो जाएगा काशी विश्वनाथ समेत शतकोटि देवता अपने स्थान ग्रहण कर लेंगे और जिस दिन 100 करोड़ हिन्दू हिंदुत्व को समर्पित हो जाएंगे, तब दिग्दिगन्त में अप्रतिहत महासाम्राज्य निनादित करते चलने वाले अखण्ड भारत हिन्दूराष्ट्र का निर्माण हो जाएगा...
रामजन्मभूमि आंदोलन कभी भी पत्थर के स्तम्भ और कंक्रीट की छत खड़ी करने का आंदोलन नहीं था, यह सदैव हिंदुओं में हिन्दुत्वभाव भावित करने का आंदोलन था, श्रीराममंदिर तो पड़ाव भर है, यह तो हिंदुत्व का सतत गतिशील संघर्षयज्ञ है जिसमें हर हिन्दू को आहुति देनी है...
स्वामी विवेकानंद ने कहा था, "जब तक अतिशय ग्राम्य भाषा में श्रीराम की बात करने वाले 5 हिन्दू बचे रहेंगे, हिन्दूराष्ट्र रहेगा..."