सुशांत सिंह राजपूत ने अपना सरनेम हटाया नहीं था, न ही विरोध किया था पद्मावती का..करवाया गया था। कुछ चीजे जो हम देखते सुनते है वह नजर के सामने सत्य होता है पर उस सत्य का संचालन अप्रत्यक्ष रूप से असत्य करता है।
फिल्म पद्मावती के विरोध में सरनेम हटाना वजह यह थी कि इस्लामिकरण हो चुके वॉलीवुड में एक उभरता हुआ नवोदित हिंदु सितारा सुशांत सिंह ने धोनी फिल्म से खूब नाम कमाया।
इसके विपरीत खानों की फिल्मों का हिंदुओं द्वारा लगातार हो रहे बहिष्कार से बौखलाए खानों ने भी सुशांत सिंह के खिलाफ साजिश करते हुए खतना करके उसे खाई में धकेल दिया।
फिल्म पीके में सुशांत सिंह को मुसलमान का किरदार देकर जिहादी बनाया गया। पुन: थोड़ा बचा खुचा मान सम्मान फिल्म केदारनाथ ने छीन लिया।
इसमें सुशांत सिंह को सबसे बड़ा जिहादी बनाकर प्रस्तुत किया गया।
यहाँ सुशांत गलती कर गया। उसने समय और परिस्थिति को समझे बगैर केदारनाथ फिल्म की और अपने लिए आगे कुआं पीछे खाई वाले हालात बना लिए।
इससे आक्रोशित हिंदुओं ने बहुत बडे पैमाने पर सुशांत सिंह का बहिष्कार किया.....जो स्वाभाविक था।
तो भईया समझ आया कि कैसे वॉलीवुडीयाॅ खानों ने अपने ही हिंदू भाई (सुशांत सिंह) को हम हिंदुओं के मन में उसके प्रति दूराव पैदा किया।
जिससे सुशांत सिंह भी अनभिज्ञ था और हम भी!
बात यहीं खत्म नहीं होती,,,
जब हम हिंदुओं ने सुशांत सिंह को बहिष्कृत करने का मन बना लिया था तब वॉलीवुडीयाॅ खान चौकड़िया भी अपनी चाल चल चुकी थी।
फिल्म धर्मा प्रोडक्शन, यश राज फिल्म, बालाजी, टी सीरिज,सलमान खान और दिनेश विजन ने भी सुशांत सिंह को वॉलीवुड फिल्म में बैन कर दिया।
मतलब सुशांत सिंह चारो खाने चित!!
अब न उसके पास हिंदुओं का समर्थन था न वॉलीवुड में कोई जगह।
जिहादियों ने ऐसा खेल खेला कि वह फिरसे वेब सीरीज या टीवी सिरियल तक ही सीमित हो गया था।
आप का क्या?? आप लगे रहो जिहादी सुशांत सिंह बोलने में चिंतन मंथन किये बगैर, जीतनी गालियां देनी है अभद्र टिप्पणी करनी है करो। पर याद रखना...
यह एक सुशांत सिंह का हत्या नहीं है यह समूल हिंदुओं का हत्या है। इसमें सिर्फ सुशांत ही शिकार नही हुए दीपिका अनुष्का विद्या बालन,रितिक रौशन, संजय दत्त तक को इन्ही लोगो ने फँसवाया शुरुआत दिव्य भारती से पहले ही हो चुकी थी। ये तो शुक्र है अमिताभ की ऊंचाइयों और अक्षय को मात नही दे पा रहे वरना इन्हें भी समय समय और जाल डाला जाता है। जो इन khans की चमचागिरी करता है वो टिका रहता हूं कुछ हद्द तक। सलमान ने तो न जाने कितनों का भविष्य बर्बाद किया है। अब हमें इनके इस जाल से बाहर आना चाहिए इनकी फिल्मों का बहिष्कार करने चाहिए। जिस भी कंपनी के ब्रांड अम्बेसडर बने उनका सामान का बहिष्कार होना चाहिए। वरना न जाने किस किस मोर्चे पर ये ज़िहाद करेंगे और कितनो को बर्बाद करेंगे ..... कितनो को मरवाएँगे।
अपनी हिन्दू फ़िल्म इंडस्ट्री को बचाये और मुस्लिमों की फिल्मों का बहिष्कार करें...उन्हें प्रेरित करें,, ऐसी फिल्मों के लिए जो हिंदुओ के भले के लिए हो भारत की भावनाओ की रक्षा करती हो।
आइए हम अपने हिंदुओ की रक्षा का प्रण ले मिलकर। वो कोई भी हो।
सुशांत आपकी आत्मा को शांति मिले
ॐ शांति
नम: परम शिवाय