अजय राज़ मोदी's Album: Wall Photos

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तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में जब प्रभु श्रीराम अयोध्या वापस आ रहे थे पुष्पक विमान से तब का एक चित्र खींचा है मानस में चौपाई के द्वारा,,,

चलत विमान कोलाहल होई,,
जय रघुबीर कहैं सबु कोई,,

लंकाकांड के ११९ वें दोहे की तीसरी चौपाई,,आज जब रॉफेल पहुंच गए हैं तो सचमुच में कोलाहल है,,,विमान आकर खड़े भी हो गए हैं और रणदीप सुरजेवाला एंड दिग्गी राजा तो अबतक मोदीजी से रेट ही पूछ रहे हैं,, और मजे की बात ये की खुद दोनों के रेटों में भी फर्क है वे जो बता रहे हैं,,
चलत विमान कोलाहल होई--जनता में कोलाहल है, उत्सुकता है, आश्चर्य मिश्रित हर्ष है,,, आनंद है,,बुद्धिजीवियों की वामपंथी लिब्रान्डुओं की लंका फिर से जल रही है,, जैसे भारत के नक्शे में लंका नीचे है ठीक ऐसे ही बुद्धिजीवियों और वामपंथियों की लंका भी नीचे ही है,, फ़िलहाल वहीं दाह कर्म चल रहा है,,,कोलाहल होई,,

उधर राममंदिर की नींव का दिन नजदीक आता जा रहा है,, यहां दूसरी पंक्ति में......

।। जय रघुबीर कहैं सबु कोई।।

हर कोई जय श्रीराम के नारे लगा रहा है,, हम सबको इस बात पर गर्व होना चाहिए कि कई बार जय श्रीराम शब्द फेसबुक पर सबसे ज्यादा लिखा जाने वाला शब्द बन चुका है,,,

काफी दूरदर्शी रहे तुलसीदासजी ,,,कहते हैं कि बिता हुआ एक पल भी वापस लौटकर नहीं आता,,लेकिन यहां तो पूरा का पूरा दृश्य वापस आ गया है,,

इस चौपाई को फिर से पढ़ें और वर्तमान समय में आज रॉफेल आने से राममंदिर नींव भराने तक का पूरा विवरण कितना सहज और आनंददायक है--

किचलत विमान कोलाहल होई,,
जय रघुबीर कहैं सबु कोई--११९--३--लंकाकांड