आप लोगों में कम ही इन्हें जानते हो , हो सकता है पर यही वे संत हैं जिन्होंने वामपंथियों और वह लोग जो राम मंदिर में रोड़ा अटकाते थे , जिनमें पिछली सरकारें भी रही है जिन्होंने संतों में भी मतभेद पैदा कर दिया था मुस्लिम पक्ष से तो छोड़ो , संतो के अपने-अपने संप्रदाय में ही बंटवारे के लिए कोर्ट में लड़ते थे जिस कारण राम मंदिर में इतना विलंब हुआ और यह सब संस्कृति को तोड़ने वाली कुचक्र में अपनी भारतीय संस्कृति को ही हानि पहुंचा रहे थे स्वामी जी ने ही अलग-अलग संप्रदाय के संतो से संवाद करके एकमत किया उसके बाद एकमत होकर ही सुप्रीम कोर्ट में हिंदुओं का पक्ष रखा गया और विजय हिंदुओं की हुई सत्य सनातन संस्कृति की हुई इसलिए हमें हमेशा संगठित ही रहना होगा। कांग्रेस ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करके सनातन धर्म के उच्च पदों पर अपने लोगों को बिठा रखा है जो संस्कृति का विस्तार करने की जगह अंदर अंदर दीमक की तरह हिंदुओं को तोड़ रहे हैं उनका नाम में लिखना नहीं चाहता पर आप उनके आचरण से उन्हें पहचान सकते हो । वेशभूषा से वह आपको संत दिखेगा पर उस वेशभूषा के पीछे एक अन्य विचारधारा बैठी होती है जो हमारी संस्कृति को छनन मनन करने में लगे हैं और अब वह लोग राम मंदिर की तारीख पर ,संतों के नाम पर की इन संतो को ट्रस्ट में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया और अब दलितों के नाम पर रोड़ा अटका रहे हैं जिनमें अब दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले राजनेता भी सम्मिलित हो रहे हैं आप सभी भाई बंधुओं से मेरा अनुरोध है आप भविष्य में इन सभी से सचेत रहें
माता शबरी के वंशज का आप सभी को नमन
जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम