sant Lal 's Album: Wall Photos

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*जब देखा खुद को आइने में,*
*थोड़ा घबरा गए थे हम ।*
*और जब बन -ठन गए ,*
*खुद ही इतरा गए थे हम ।*

*चेहरे की त्वचा ,*
*थोड़ी ढीली हुई तो क्या,*
*उम्र भी थोड़ी बढ़ गई तो क्या,*
*बाल सफ़ेद अब आने लगे हैं ।*
*कलर है न, लगा के हम भी तो इतराने लगें हैं ।*

*यह भी इक पड़ाव है जिंदगी का*
*हम सब के मध्य आएगा।*
*बचपन आया ,जवानी आई ,*
*तो क्या बुढ़ापा न आएगा ?*

*समय का बस आप मज़ा लीजिए,*
*क्या कुछ छूटा परवाह न कीजिए।*

*जो है बस उसे भर कर जिएं*
*लुत्फ़ ज़िंदगी का उठा लीजिए।*

*आधी से ज्यादा कट गई,*
*न जाने कितने पल बचें है।*

*यह सब सोचकर*
*न घबराया कीजिए,*

*जिंदगी है*
*उसे जिंदगी की तरह लिया कीजिए।*