आप तकनीक का प्रयोग तभी करते हैं जहाँ आपका मानवीय और मानसिक सामर्थ्य समाप्त हो जाता है।इन कांटेदार डंडों के प्रयोग से स्पष्ट है कि चीनी सैनिक मानसिक रूप से भारतीय सैनिकों के शारीरिक बल और किलर इंस्टिक्ट से भयभीत थे।
लेकिन कोई फायदा नहीं।
चीनी अब भयभीत ही नहीं आतंकित भी हैं हमारे प्रतिशोधी सैनिकों से।