lalitkgupt50's Album: Wall Photos

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मुझे पता है कि टॉलस्टाय की मशहूर कहानी आपने पहले सुनी/पढ़ी होगी..

एक आदमी राजा के पास गया कि वो बहुत गरीब है, उसके पास कुछ भी नहीं, उसे मदद चाहिए..
राजा दयालु था..उसने पूछा कि "क्या मदद चाहिए..?"
आदमी ने कहा.."थोड़ा-सा भूखंड.."

राजा ने कहा, “कल सुबह सूर्योदय के समय तुम यहां आना..ज़मीन पर तुम दौड़ना जितनी दूर तक दौड़ पाओगे वो पूरा भूखंड तुम्हारा। परंतु ध्यान रहे,जहां से तुम दौड़ना शुरू करोगे, सूर्यास्त तक तुम्हें वहीं लौट आना होगा,अन्यथा कुछ नहीं मिलेगा..!"

आदमी खुश हो गया..
सुबह हुई..
सूर्योदय के साथ आदमी दौड़ने लगा..
आदमी दौड़ता रहा.. दौड़ता रहा.. सूरज सिर पर चढ़ आया था..पर आदमी का दौड़ना नहीं रुका था..वो हांफ रहा था,पर रुका नहीं था..थोड़ा और..एक बार की मेहनत है..फिर पूरी ज़िंदगी आराम..
शाम होने लगी थी...आदमी को याद आया, लौटना भी है, नहीं तो फिर कुछ नहीं मिलेगा..
उसने देखा, वो काफी दूर चला आया था.. अब उसे लौटना था..पर कैसे लौटता..? सूरज पश्चिम की ओर मुड़ चुका था.. आदमी ने पूरा दम लगाया..
वो लौट सकता था.. पर समय तेजी से बीत रहा था..थोड़ी ताकत और लगानी होगी..वो पूरी गति से दौड़ने लगा..पर अब दौड़ा नहीं जा रहा था..वो थक कर गिर गया..उसके प्राण वहीं निकल गए..!

राजा यह सब देख रहा था...
अपने सहयोगियों के साथ वो वहां गया, जहां आदमी ज़मीन पर गिरा था...
राजा ने उसे गौर से देखा..
फिर सिर्फ़ इतना कहा.."इसे सिर्फ दो गज़ ज़मीं की दरकार थी...नाहक ही ये इतना दौड़ रहा था..! "

आदमी को लौटना था... पर लौट नहीं पाया...
वो लौट गया वहां, जहां से कोई लौट कर नहीं आता...

हमें अपनी चाहतों की सीमा का पता नहीं होता..
हमारी ज़रूरतें तो सीमित होती हैं, पर चाहतें अनंत..
अपनी चाहतों के मोह में हम लौटने की तैयारी ही नहीं करते...जब करते हैं तो बहुत देर हो चुकी होती है.. फिर हमारे पास कुछ भी नहीं बचता..

हम सब दौड़ रहे हैं..परंतु क्यों.? नहीं पता..?
और लौटता भी कौन है..?
हम सभी दौड़ रहे हैं... बिना ये समझे कि सूरज समय पर लौट जाता है..

अभिमन्यु भी लौटना नहीं जानता था...हम सब अभिमन्यु ही हैं..हम भी लौटना नहीं जानते..