अब ये कैसा कैसा #अन्धविश्वाश है
या इस सड़ी गली लाश में भी कोई विज्ञान है ।
यह #मृतक_देह है, पुर्तगाल के #लुटेरे_फ्रांसिस_जेवियर का जो भारत में 26 साल की उम्र में 1532 ईसवी शताब्दी में आकर सेंट फ्रांसिस बन गया ।
फ्रांसिस जेवियर ने कोकण देश आज के गोवा में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया, ब्राह्मणों को जिंदा जलाया और मंदिर निर्माण पुनरुद्धार पर रोक लगा दी थी ।
लाखों हिन्दुओ का नरसंहार किया ।
फ्रांसिस जेवियर का सड़ा गला शव गोवा की सबसे बड़ी चर्च बोम जीसस में रखा रहता है ।
प्रत्येक 10 साल में एक बार फ्रांसिस जेवियर की बॉडी गोवा की दूसरी चर्च सैंट कैथ्रेडल में 40 दिन के लिए रखा जाता है... जनता दर्शन के लिए ।
लाखों हिन्दुओ के हत्यारे को मर कर भी भारत में सम्मान मिल रहा है ।
ऐसा केवल सेकुलर इंडिया में ही संभव है । दुनिया के 200 के लगभग देशों में ऐसा उदाहरण कहीं नहीं मिलेगा और हां ईसाइयों की पोप लीला पाखंड से युक्त कार्यक्रम में गोवा सरकार जनता के धन को खर्च करती है...
गोवा मैं किसी की भी सरकार हो बीजेपी, कांग्रेस या कम्युनिस्टों की, ये सब नाचते ईसाई मिशनरियों पादरियों के आगे ही हैं ।