आखिर इतना भेद भाव क्यों हो रहा है, अपराधी तो अपराधी ही होता है,
#1_मौलाना_साद जिसने हजारो लोगो को मौत के मुंह में ढकेला कोरोना से।
#2_ताहिर_हुसेन जिसने 60 लोगो को मौत के मुंह में ढकेला दंगे से।
#3_बिकास_दुबे जिसने 10 पुलिस वालो को मौत के मुंह में ढकेला गोली से।
ये तीनों के तीनों अपराधी हैं और कानून की नजर में सभी दोसी। फिर मकान सिर्फ #विकास_दुबे का ही क्यों गिराया गया। क्या सरकार में इतना दम नहीं की #बिकास_दुबे की तरह #मौलाना_साद और #ताहिर_हुसैन का भी मकानों को गिराया जाए..
सोचो खुब सोचो और सोच सोच कर सोचो की यह क्या है।
छमा चाहता हूँ क्योंकि मुझे पता है कि कुछ लोगों की मेरी बातें हिन्दू मुस्लिम लगेगी..
जय हो हिन्दू समाज