12अगस्त 1997 को T- series के मालिक गुलशन कुमार की हत्या कर दी गईं। इस हत्या का साजिशकर्ता देश छोड़कर भाग गया। इसके ठीक छः महीने के बाद ही..मने , 1998 में एक "बाबा" का परिवर्तन "भगवान" के रूप में हो गया।
इसके बाद 28 मई 1999 में एक फिल्म आई "बीवी नंबर - 1"
जिसमें पहली बार साँईं के नाम के साथ राम को जोड़कर एक गाना डाला गया...और ,"ऊँ साँईं राम" का उच्चारण किया गया। और तब से इन्हें बाबा से भगवान का दर्जा मिल गया ...यानी की "ऊँ साँईं राम" उच्चारित होने लगा ।
अगर कोई भी व्यक्ति मेरी इस बात को प्रमाण के साथ काट दे तो मैं सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँग लूँगा।
अब प्रश्न आपके लिए...बताएँ कि क्या आप जब उस फिल्म को देख रहे होंगे और यह गाना सुन रहे होंगे..तब क्या ये बात आपके दिमाग में आई होगी कि मात्र अठारह सालों के बाद ही यह "बाबा"... , राम , कृष्ण एवं शिव के नाम से पुकारा जाने लगेगा ???
यानी कि इसे भगवान कहा जाने लगेगा..?...और इसी "भगवान" को ..भगवान ना कहने पर ..शंकराचार्य जी के उपर FIR ठोक दिया जाएगा..?..
और फिर जिस व्यक्ति को सनातन धर्म के शिर्ष पर बैठाया गया है , उसे ये कहना पड़ेगा कि - "मैं जेल चला जाऊँगा पर इसे भगवान नहीं कहुँगा"...?
क्या ऐसे में आपको अपनी भूमिका का विश्लेषण नहीं करना चाहिए..? साँईं षड्यंत्र किस प्रकार से कामयाब हो गया इन बीस वर्षों में , क्या आपने कभी महसूस किया..?
इसी को कहते हैं मार्केटिंग स्कील और बढ़िया मैनेजमेंट ।
उदाहरण के लिए आज भी बहु संख्यक लोग वाशिंग पाउडर एवं वनस्पति घी को क्रमशः "सर्फ" और "डालडा" कहते हैं...और अगर कभी खरोंच लग गया तो "डेटाल" ही माँगेंगे ।
कहने का मतलब साँईं बाबा अब भगवान बन चुके हैं और हमने उन्हें स्वीकार कर लिया है।
यह सच्चाई आज के लोग कब तक याद रख पाएँगे..? जिन परिवारों के घरों में साँईं पूजन एवं साँईं व्रत की परम्परा शुरू हो चुकी है उनके घरों के नौनीहालों पर जो असर पड़ेगा , क्या वे बड़े होकर दुबारा सनातन धर्म में वापस आ पाएँगे..? जी नहीं...उनका लौटना तब मुमकिन नहीं होगा , क्योंकि उनका परवरिश जिस माहौल में हुआ होगा..उनके लिए "साँईं" से बड़ा कोई भी "भगवान" नहीं होगा...साँईं ही सर्वशक्तिमान ईश्वर होगा।
अब देखें कि.. 1977 का साल दो फिल्मों के नाम रहा...पहला तो मनोज कुमार का था..(नाम इस वक्त याद नहीं)...और दूसरा "अमर-अकबर- एंथोनी" । इन फिल्मों में पहली बार साँईं बाबा का जिक्र हुआ और ये पूरे देश में इनकी चर्चा होने लगी..कौन है..क्या है?...। गाना तो पता ही होगा..."शिर्डी वाले साँईं बाबा ,आया हूँ तेरे दर पे सवाली"....।
उसके बाद बीवी नंबर-1के बाद तो ये ऊंँ साँईं राम बनकर भगवान बन बैठे ।
साथियों , सनातन धर्म एक विद्यालय है जिसका अपना एक सिलेबस है..आप अपने लिए स्वयं कोई पाठ निर्धारित नहीं कर सकते ।
हम गर्व करते हैं कि हम सनातनी है...सनातन ,अर्थात जो सदा से है और सदा तक रहेगा...जिसका आरंभ नहीं है , और ना ही अन्त .. सृष्टि के आरंभ से है ...
.इसे कमजोर ना करें....इसके पतन का कारण ना बनें..।