Ranjeet kumar's Album: Wall Photos

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सचिन पायलट भाजपा के बहकावे में आ गये हैं । मैं पूछता हूँ 1939 में #सुभाष चंद्र बोस ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 1951 में #आचार्य कृपलानी ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 1956 में #चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ?

1964 में #के एम जॉर्ज ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? - 1967 में #चौधरी चरण सिंह ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 1969 में #मोरारजी देसाई ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 1969 में #बीजू पटनायक ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 1981 में #जगजीवन राम ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ?
1994 में #बंगरप्पा ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 1998 में #ममता बनर्जी ने जब कांग्रेस छोड़ी थी तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आई थीं ? 1999 में #शरद पवार और #पी_ए_संगमा ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे । 1999 में ही #मुफ़्ती मोहम्मद सईद ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ?

2001 में #पी चिदंबरम ने , जी हाँ , पी चिदंबरम ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 2005 में #करुणाकरण ने जब कांग्रेस छोडा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ? 2011 में #जगनमोहन रेड्डी ने जब कांग्रेस छोड़ा था तो क्या वो भाजपा के बहकावे में आये थे ?
नहीं ।
इन सब महानुभावों ने पार्टी इसलिए छोड़ी क्योंकि कांग्रेस पार्टी में इनकी उन्नति के इनके ऊर्ध्वगमन के सभी मार्ग बंद हो गए थे या यूँ कहें कि बंद कर दिए गए थे ।जब तक पार्टी में grievance redressal के लिए एक structured mechanism नहीं बनेगा , लोग पार्टी छोड़ते रहेंगे । जब तक पार्टी नेहरू - गाँधी - वाड्रा परिवार की गिरफ्त से बाहर नहीं आएगी ऐसा होता रहेगा । समस्या सचिन पायलट या ज्योतिरादित्य सिंधिया में नहीं है । समस्या है कांग्रेस पार्टी के संविधान में जिसकी वजह से एक महिला पिछले 22 सालों से पार्टी अध्यक्ष के पद पर कब्ज़ा कर के बैठी हुई है । समस्या कांग्रेस पार्टी के संविधान
संविधान में है जो एक व्यक्ति को साल - दर - साल पार्टी अध्यक्ष बनने की अनुमति देता है जिसकी वजह से पार्टी पर उसका एकाधिकार हो जाता है और नया नेतृत्व उभर कर आ ही नहीं पाता । जब असम में हेमंत विस्वासर्मा ने देखा कि तरुण गोगोई के बाद उनकी जगह उनके पुत्र गौरव गोगोई पार्टी के नेता बनेंगे तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी ।

ठीक उसी तरह जब राजस्थान में सचिन पायलट ने देखा कि अशोक गहलोत के बाद उनकी जगह उनके पुत्र वैभव गहलोत पार्टी के नेता बनेंगे तो उन्होंने पार्टी छोड़ने की तैयारी कर ली । इसलिए समस्या पुत्र