स्वामी बाबा रामदेव मेरे योगगुरु है और मुझे अपने गुरू पर गर्व है। उनको योग के इस महान कार्य के लिए बार-बार नमन वंदन।
योग की अमृत गंगा का प्रसाद को उन्होंने घर-घर तक हजारों स्वयंसेवको के माध्यम से लेकर गये।
पर मै कई सारे उनके योग के अतिरिक्त विषयों का कट्टर विरोधी भी हूँ।
क्योंकि मैं स्वयं सर्व प्रथम भारतीय हूँ, भारत माँ का लाल हूँ।
एक ही मंत्र "मै रहूं या ना रहूं लेकीन ये भारत रहना चाहिए"
जय हिंद वंदे मातरम जय श्री राम जय भारत हर हर महादेव