पुरानी बातों को,आंकड़ो को ,इतिहास को .....भुलाकर नए का निर्माण करना होता है।
वर्तमान ही भगवान है।
वर्तमान ही सच है।
वर्तमान में ही सब कुछ ठीक किया जा सकता है ।पुरानी बातों को याद करके सुधारा नही जा सकता ।ना ही भविष्य का सोचकर हम जी सकते हैं।
जब हमें जीना वर्तमान में ही है।
रहना वर्तमान में ही है।
जो कुछ है वो वर्तमान ही है तब हम अतीत और भविष्य का सोचकर क्यों खुद को ओर वर्तमान को नष्ट करे।
हमें जो मिला है।
हमें जैसा भी मिल रहा है।
हम जो भी कर रहे हैं।
वो ही सच है।
उसको बढाना ,घटाना हमारे हाथ में ही है।
हमारी ऊंचाइया, हमारी उदासी,हमारी खुशियां, हमारा भाग्य ,हमारी सफलता हमारे हाथ मे है मतलब हमारे वर्तमान के हाथ मे है।।
ओर वर्तमान हमारे हाथ मे होना ही चाहिए।
अतीत और भविष्य हमारे हाथ मे नही है।ना ही उनमें हम जी सकते।सच मे।
हमारे बस का सौदा सिर्फ और सिर्फ वर्तमान ही है।