ये शंकराचार्य नहीं , काँग्रेसाचार्य हैं :
तारीख 22 जनवरी 2001 । इस फोटो के मायने समझिये । ये तब का फोटो है जब शंकराचार्य स्वरूपानंद_सरस्वती सोनिया_गांधी (सचमें एंटोनियो_माइनो) को लेकर कुम्भ पहुंचे थे । आज यही स्वरूपानंद सरस्वती सवाल उठा रहे हैं कि राम मंदिर का भूमिपूजन शुभ मुहूर्त में नहीं हो रहा है ! उनकी देखा देखी कुछ अनपढ़ गवार किस्म के लोग भी मुहूर्त का सवाल उठाकर इस पूरे कार्यक्रम को संदेह में लाने का प्रयास कर रहे हैं । जो सफल नहीं होगा ।
ऐसे दोगले वह धर्मगुरु वह तथाकथित लोग हैं जो लोग 500 सालों के बाद राम जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर के निर्माण को लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं.. जिन जिन लोगों की आस्था राम मंदिर और और भगवान श्रीराम से जुड़ी हुई है वह सब 500 सालों के बाद इस समय को निकट आता देख बहुत खुश हो रहे हैं
और फिर भी कुछ लोग मुहूर्त इत्यादि का सवाल उठा रहे हैं
इन्होंने कभी राम जन्मभूमि आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती तो कई बार विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी को गालियां देते रहे संघ को गालियां देते रहे राम मंदिर आंदोलन की खिल्ली उड़ाते रहे । स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक दो बार नहीं बल्कि सैकड़ों बार अपने मुंह से कहा है "मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे "। ये स्वरूपानंद कभी जिंदगी में रामलला के दर्शन करने नहीं गए । हमेशा कांग्रेसी चापलूसो से घिरे रहे सोनिया गांधी को कुंभ में ले जाकर नहला दिए।
और आज जब राम मंदिर का निर्माण शुरू होने वाला है तब कह रहे हैं मुहूर्त शुभ नहीं है । असल मे राम मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन स्वरूपानंद जैसों के मुंह पर तमाचा है।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी आपने कौन से मुहूर्त में सोनिया को कुंभ में स्नान करवाया था की पूरी कांग्रेसी डूब गई ?
पहले आप अपना मुहूर्त देखिए फिर आप किसी दूसरे का मुहूर्त देखिएगा
आप धर्मगुरु हैं इसलिए आपकी इज्जत हम करते हैं आप शंकराचार्य के पद पर हैं लेकिन सबको पता है कि दरअसल आप शंकराचार्य नहीं बल्कि कांग्रेसाचार्य हैं ।
जब आपको राम मंदिर के लिए आंदोलन करना था तब आप दिग्विजय सिंह और सोनिया गांधी के घर जाकर मलाई चाटते रहे और हजारों लोगों की कुर्बानी के बाद जब राम मंदिर बन रहा है तब आप मुहूर्त निकाल रहे हैं ? आपको शर्म आनी चाहिए दरअसल यह आपका जलन बोल रहा है यह आपकी ईर्ष्या बोल रही है ।