पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की कीर्ति वर्तमान में भारत में विराजित सभी साधूगणों में सर्वोपरि है इसका एक उदाहरण देना चाहूँगा-
जयपुर के एक बड़े ज्योतिषी, जो अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन के निमंत्रण पर अमेरिका के व्हाईट हाउस में 6 दिन रुके थे। उनसे मिलने का अवसर मुझे अचानक प्राप्त हुआ। उन्होंने मुझे बताया कि मैं हस्तरेखा विशेषज्ञ हूँ। मैंने भारत के कई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ-साथ विदेशों के महापुरुषों के हाथ देखे है।मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि वह अब तक 10000 लोगों के हाथ देख चुके हैं और उनके भविष्य बता चुके हैं। मैंने अचानक ही उनसे पूछा-आपको सबसे अच्छा हाथ किसका प्रतीत हुआ? *उन्होंने उत्तर दिया- जैन धर्म के एक महान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज हैं उनका जैसा हाथ मुझे किसी अन्य का देखने में नहीं आया।वे वर्तमान के सर्वोत्कृष्ट महापुरुष है। उनकी कीर्ति हजारों वर्षों तक जीवित रहेगी।*
मैंने तुरन्त पूछा-क्या उन्होंने अपना हाथ आपको दिखाया था ?
वे मुस्कुरा कर बोले-उन्होंने तो नहीं दिखाया पर मैंने ही सामायिक करते हुए उनके हाथ देख लिये थे।वास्तव में वे एक अद्भुत व्यक्तित्व के धनी आचार्य हैं।