हमारी वास्तविकता यही हैं कि हम सभी आध्यात्मिक हैं। हम आध्यात्मिक ऊर्जा से बने है, जिसका अर्थ है कि हम अनंत और सचेत हैं। आध्यात्मिक ऊर्जा हमारे शरीर से बनी अस्थाई, अचेतन पदार्थ से श्रेठ हैं। और इसी आध्यात्मिक ऊर्जा को बिना जाने, बिना अनुभव किये बैगैर हम पागलो की तरह धर्म को मानते चले जाते हैं। ऐसा नहीं हैं कि धर्म की सच्चाई नहीं हैं, बिलकुल हैं, लेकिन उस सच्चाई को अगर आपने खुद खोजा हो तो। मेरी समझ ये हैं कि अगर.. Click for continue reading.. http://www.lifometry.com/2020/04/dhamma-darpan.html