क्या आपने कभी मुस्लिम, कम्युनिष्ट और क्राँग्रेसियों को क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी, सुभाषचंद्र बोस जी, भगतसिंह जी, राजगुरू जी, सुखदेव जी आदि की विचारधारा का कभी विरोध करते देखा है ?
नहीं देखा ना,,,
लेकिन वीर सावरकर जी का विरोध ये बदमाश हर क्षेत्र में करते हैं ऐसा क्यों..?
तो ऐसा इसीलिए है क्योंकि वे स्वतंत्रता के साथ साथ हिन्दुत्त्व की बात करते थे भगवा ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज बनाने की बात करते थे सेक्युलरिज्म के स्थान पर हिन्दू राष्ट्र की बात करते थे उर्दू को पूर्णत: हटाकर हिन्दी भाषा को लागू करने की बात करते थे।
जो भी हिन्दुत्त्व की बात करेगा वही इन लोगों का शत्रु है फिर वह चाहे कोई भी हो ।
अन्य क्रांतिकारियों ने इस विषय पर कभी बडे स्तर पर बात नहीं की वे मात्र स्वतंत्रता की बात करते थे इसीलिए उनका विरोध नहीं करते क्योंकि अंग्रेजों से स्वतंत्र इनको भी तो होना था ।
लेकिन ये लोग वीर सावरकर जी का विरोध चाहे जितना कर लें, फिर भी सावरकर जी का नाम कभी मिटा नहीं सकते। क्योंकि वीर सावरकर एक नाम नहीं एक ब्रांड है ब्राँड