शिवानंद शिव 's Album: Wall Photos

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श्रीउमाशक्तिपीठ वृन्दावन
यह अद्भुत श्री यंत्र मेरे पूज्य गुरुदेव श्रीउमापीठाधीश्वर के 52 शक्तिपीठों में से एक में स्थित है।श्रीउमाशक्तिपीठ वृंदावन, मथुरा में स्थित है । ऐसा माना जाता है कि यह सहस्रों वर्षौं प्राचीन श्रीयंत्र है । यह भी संभव है कि आदिगुरु भगवान शंकराचार्य के द्वारा या उसी परम्परा से यह स्थापित किया गया हो । इसलिए इसका अत्यंत पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व है। भगवती श्रीमहात्रिपुरासुंदरी राजराजेश्वरी ललितांबा परांबा भगवती का यह स्थान 52 शक्तिपीठों में से एक है। यहां देवी का केशपाश गिरा था।केश: से तात्पर्य है -क:ईश:का ज्ञान । एक सुकेशा ऋषि का वर्णन आता है प्रश्नोपनिषद में, और केन उपनिषद में भगवती हेमावती उमा देवी का वर्णन आता है जिन्होंने देवताओं को आत्माविद्या या आत्मतत्व से परिचय कराया था।यक्ष रूप भगवान शिव का इन्हीं हेमवती भगवती उमा द्वारा प्रथम बार देवराज इन्द्र के प्रति परिचय कराया गया था, जिसकारण वह देवताओं में श्रेष्ठ हुए। उन्हीं महात्रिपुरासुन्दरी से संबंधित यह स्थान माना जाता है। इस स्थान के भैरव भूतनाथ या भूतेश भगवान हैं । इस स्थान पर स्थित यह श्रीयंत्र अत्यंत आध्यात्मिक तेज से संपन्न है। पाश बंधन का सूचक है और अंकुश उससे मुक्ति का। यहां भगवती "केश+पाश"यानी बंधन (पाश)और मुक्ति(क:ईश का ज्ञान) दोनों शक्तियों से युक्त हैं।सभी देवी के रूप बंधन और मुक्ति देने की शक्ति से युक्त नहीं होते।इस दृष्टि से इस शक्तिपीठ का विरोध ही महत्त्व है।भूतेश्वरी महात्रिपुरासुंदरी उमादेवी की यह शक्ति भक्तों की संसार भय से रक्षा करे।
श्रीमहात्रिपुरासुन्दर्यै नमः:।।
ॐ नमो नारायणाय।।
श्रीगुरूचरणकमृलेभ्यो नमः:।।
सनातन धर्म की जय।।
हर हर हर महादेव।।।

डा. कमलेश पाठक जी से साभार