आर के पँडित पँडित's Album: Wall Photos

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#इतिहास_के_सिसकते_पन्ने
मित्रों !
आज मैं एक ऐसे इश्कबाज की बात बता रहा हुं, जिसे सुनकर पढ़कर शायद आप दांतो तले अंगुलिया दबा लो पर यह सौ फीसद सत्य है और यह सच्चाई आप सबको जानना भी जरुरी है

मित्रों !
मैं बात कर रहा हुं तथाकथित महात्मा मोहनदास करमचन्द गांधी के इश्क की
#जब_55_वर्ष_की_आयु_में_गांधी_को_हुआ_इश्क

1869 में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी की शादी महज 13 वर्ष की उम्र मे हुआ
और वह भी गांधी से उम्र से बड़ी थी वह लड़की जिसका नाम था कस्तूरबा

शादी के तीन दशक बाद 55 वर्ष की आयु में फिर एक बार गांधी की जवानी हिलोर मारने लगी
कामुक गांधी इस हिलोर में गोता लगाने लगे

55 वर्ष की आयु में मोहनदास करमचन्द गांधी को गुरु रविन्द्रनाथ टैगोर की विवाहित भांजी (टैगोर के बहन की बेटी) सरला देवी चौधरानी से इश्क हो गया उस समय सरला देवी चौधरानी की उम्र गांधी से 8 साल कम थी सरला देवी 47 वर्ष की थी

गांधी के इस इश्क की चर्चा आम होने लगी थी
गांधी भी 55 साल की अवस्था में सरला देवी को बांहो में भरने के लिए बेकरार हो रहे थे

गांधी सरला देवी के इश्क में इतना पागल हो गये थे कि सरला देवी के एक इशारे मात्र से मोहनदास करमचन्द गांधी जवाहरलाल नेहरु के पास पहुंच गये और नेहरु से कहा कि अपनी बेटी इंदिरा का विवाह सरला देवी के बेटे दीपक से कर दो
नेहरु के यहां गांधी की दाल जब नही गली तो
गांधी ने सी. गोपालचारी को बड़े ही बेशर्मी के साथ पत्र लिखा कि 'मुझे प्रेम हो गया है' गांधी के पत्र का जवाब सी. गोपालचारी बहुत ही कड़े शब्दों में दिया डांट पिलाई और साथ ही साथ मर्यादा में रहने की सलाह भी दी, कहा बेशर्मी की सीमा मत लांघो

इसी समय कस्तूरबा बाई भी गांधी को जली कटी सुनाने लगी बेटे सब गांधी से नाराज रहने लगे
कही से भी सकारात्मक पहल न होने के कारण गांधी को निराशा हुई और सरला देवी को आखिरी पत्र लिखा
' तुम शिद्दत से आज भी मेरे दिल में हो, तुम अब हमारी आध्यात्मिक पत्नी हो, तुम्हारी हंसी राष्ट्रीय सम्पत्ति है'

गांधी की यह रास लीला जानते तो सभी थे पर किसी ने कभी सामुहिक सार्वजनिक चर्चा नही कि

सार्वजनिक चर्चा तब होने लगी जब गांधी के पोते राजमोहन ने गांधी कि बायोग्राफी लिखी

राजमोहन ने खुद कहा मैं इमानदारी से गांधी जी की बायोग्राफी लिख रहा हुं इसलिए सभी पहलुओं को समाहित करुंगा
और हां
यह भी सच है कि अधेड़ गांधी फिसल गये थे

ऐसा नही था कि सरला देवी गांधी का पहला व आखिरी प्यार थी नेहरु और इन्दिरा की तरह गांधी के भी प्रेम प्रपंच की फेहरिस्त लम्बी है जो कुछ मेरे हाथ लगा अभी तक वह आपके सामने है

#राजकुमारी_अमृत_और_गांधी_का_इश्क
शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी अमृत कौर पंजाब के कपूरथला के राजा
सर हरनाम सिंह की बेटी थी

राजकुमारी अमृत कौर की पढ़ाई लिखाई इंग्लैंड में हुई थी
1934 में गांधी और राजकुमारी की पहली मुलाकात हुई थी
उसके बाद शुरु हुआ खतों का सिलसिला
गांधी और राजकुमारी के बीच सैकड़ो खतों का आदान प्रदान हुआ

मोहनदास करमचन्द गांधी जब भी राजकुमारी अमृत कौर को खत लिखते
शुरुआत में लिखते 'मेरी प्यारी पागल'
और कभी कभी यह भी लिखते 'मेरी बागी'
और अंत में गांधी खुद का नाम लिखने के बजाय लिखते
........... तुम्हारा तानाशाह !

शायद राजकुमारी अमृत कौर को गांधी की माशुका होने का ईनाम मिला
तभी तो नेहरु ने अमृत कौर को आजाद भारत का पहला स्वास्थ्य मंत्री बनाया

गांधी का इश्क यहीं नही खत्म हुआ सरोजिनी नायडू पर भी डोरे डाले थे दोनो के अच्छे सम्बन्ध भी थे और सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू का जवाहरलाल नेहरु से इश्क चल रहा था

विदेशियों से खूब इश्क फरमा रहे थे मोहनदास करमचन्द गांधी
इस कड़ी में एक नाम आता है मेडेलिन स्लेड उर्फ मीराबेन

मेडेलिन स्लेड एक ओहदेदार ब्रिटिश अफर एडमिरल सर एडमंड स्लेड की बेटी थी

मोहनदास करमचंद गांधी का एक और दिलचस्प इश्क है
इस लड़की का नाम था निला क्रेम कुक
निला क्रेम कुक अमेरिका में जन्मी मैसुर के राजा से इश्क हुआ बाद में गांधी के करिब आ गई जब गांधी के करिब आ गई तो फिर पुछना ही क्या गांधी की तो बल्ले बल्ले हो गई

गांधी और निला के बीच खत का सिलसिला 1932 में शुरु हुआ और 1933 में गांधी और निला की मुलाकाल हुई
गांधी ने निला को अपने आश्रम में रहने के लिए कहा
निला क्रेम कुक को गांधी प्यार से निला नागिन कहकर पुकारते थे

पता नही निला को क्या हुआ क्यों गांधी से चिढ़ गई या क्या हुआ इश्वर जाने
एक दिन रात को निला अचानक गांधी के आश्रम से भाग गई
बाद में एक दिन वृन्दावन में मिली कुछ वक्त बाद निला को अमेरिका भेज दिया गया

यहीं नही रुके आप लोगों ने सुना होगा गांधी कुछ दिन ब्रह्मचर्य का प्रयोग भी किया था जिससे पटेल वगैरह गांधी के इस कृत्य से बहुत दु:खी थे नाराज थे

गांधी अपने ब्रह्मचर्य के प्रयोग के लिए अपने दोनो तरफ जवान जवान लड़कियों को सुलाते थे जिनमें एक गांधी के भाई की पोती भी थी
और जो अन्य लड़कियां उनके साथ रहती थी उनका नाम इस प्रकार है
डा. सुशिला नय्यर, आभा गांधी, मनु गांधी इत्यादि ।

मित्रों !
1857 में ही मंगल पांडेय ने आजादी की क्रान्ति सुलगा दी थी
पर आज जिसे आजादी का असली नायक बताया जाता है वह नेहरु और गांधी उस चिंगारी को धधकाने के बजाय लौंडियाबाजी कर रहे थे

बड़ी बड़ी रसूखदार वालों की बेटियों व पत्नियो के साथ नयन मटक्का कर रहे थे
इसलिए मैं रजनीश तिवारी 'राज' यह मानता हुं कि मोहनदास करमचंद गांधी के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है
गांधी जिसके हकदार थे उससे उन्हे वंचित कर दिया गया गांधी का आजादी के नायक के रुप राष्ट्रपिता कहकर जो फर्जी महिमामंडन किया जा रहा है वह सरासर गलत है
गांधी सच में अगर किसी उपाधि के हकदार हैं तो वह उपाधि है #लव_गुरु क्योंकि गांधी से बड़ा लव गुरु कोई नही ना भूतो ना भविष्यति
आज अगर गांधी की आत्मा मेरा लेख देखेगी तो बहुत खुश होगी कि चलो कोई तो हमारा सही मुल्यांकन किया
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समय निकालकर पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद फिर किसी नये किरदार के साथ उपस्थित होंगे इतिहास के सिसकते पन्नों को लेकर तब तक के लिए नमस्कार