#जय_श्री_राम
उसकी लाठी में आवाज़ नहीं होती..लेकिन चोट बहुत #गहरी और #लाइलाज होती है...
5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन होने जा रहा है.
देश के शीर्ष 4 पदों पर विराजमान व्यक्तियों के नामों पर जरा ध्यान दीजिए... राष्ट्रपति रामनाथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र, लोकसभा अध्यक्ष ओम, उप राष्ट्रपति वेंकैया. जहां प्रभु श्रीराम का अयोध्या धाम स्थित है उस उत्तरप्रदेश का मुखिया एक महंत, नाम है आदित्यनाथ.
अब यह भी ध्यान दीजिये कि अयोध्या में राम मंदिर का सबसे बड़ा रोड़ा बनने की होड़ में बेसुध होकर दौड़े लालू पिछले कई बरस से जेल में हैं, अपने पुत्र के द्वारा की गयी भयंकर राजनीतिक सामाजिक दुर्दशा के फलस्वरुप मुलायम पूरी तरह राजनीतिक हाशिये पर पड़े हैं.
बाकायदा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर भगवान राम को कोरी कल्पना और गप्प मात्र घोषित करने वाली #कांग्रेस राजनीति के कूड़ेदान में पहुंच चुकी है. उत्तरप्रदेश में वो और अधिक नारकीय स्थिति में पहुंच चुकी है.
राम मंदिर विरोध का सबसे ऊंचा और अश्लील झंडा लेकर नाचते रहे #वामपंथ की जो राजनीतिक हैसियत 30 बरस पहले भारतीय राजनीति के विषधर की थी, आज वह घटकर भारतीय राजनीति के कीट-पतंगों सरीखी हो चुकी है.
बुजुर्ग इसीलिए कह गए हैं कि... भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, उसकी लाठी में आवाज़ नहीं होती लेकिन चोट बहुत गहरी और लाइलाज होती।
6 वर्ष पूर्व... देश का प्रधानमंत्री जब काठमांडू में देवाधिदेव महादेव बाबा पशुपतिनाथ का #रुद्राभिषेक कर उनके चरणों में ढाई हज़ार किलो चंदन अर्पित कर बाबा पशुपति नाथ की चरण-रज सगर्व अपने मस्तक पर सुशोभित कर पीतांबरी ओढ़े हुए बाबा पशुपति नाथ के दरबार से बाहर निकला था तो उस दृश्य को देखकर समूचे विश्व का हिन्दू हर्ष और गर्व से रोमांचित हो उठा था क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस परम शिवभक्त मुद्रा ने यह स्पष्ट सन्देश दिया था कि भारत अब उन हिन्दूद्रोही आततायी शासकों के शिकंजे से मुक्त हो चुका है जिन्हें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण स्वीकार नहीं था तथा सर्वोच्च न्यायालय में बाकायदा शपथपत्र देकर जो यह ऐलान करते थे कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम केवल एक कोरी गप्प हैं, कल्पना मात्र हैं.
6 वर्ष पूर्व देवाधिदेव महादेव बाबा पशुपतिनाथ दरबार में दिखा वह दृश्य ऊपर वाले का #लाठीचार्ज, प्रारम्भ होने का एक संकेत संदेश मात्र था...