भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान बहुत ही आदरणीय है। गुरु एक सेतु है जो ज्ञान और शिष्य को जोड़ता है। एक गुरु अपने ज्ञान रूपी अमृत से शिष्य के जीवन में धर्म और चरित्र जैसे बहुमूल्य गुणों का सिंचन कर उसके जीवन को सही दिशा व अर्थ प्रदान करता है।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राष्ट्र व चरित्र निर्माण में लगे ऐसे सभी गुरुओं को नमन करता हूँ।