'प्रिंट छाप' वाली रोहिणी सिंह को विकास दूबे की गिरफ्तारी से भी दिक्कत थी, और एनकाउंटर से भी! गिरफ्तारी पर कह रही थी कि वह जेल से शासन चलाएगा, और एनकाउंटर पर कह रही है कि बड़े नामों को बचाया गया है। ज्यादातर 'पेटीकोट पत्रकार' की यही मनोदशा है। पेस्टीट्यूटों 'एक लाइन' तय तो कर लो कि क्या बोलना है! डगरे के बैंगन की गति हो चुकी है तुम सबकी।
वैसे विकास दूबे की पत्नी जिस समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ी थी, 2017 में उसी पार्टी की जीत के लिए जी-जान से लेख लिखने व ट्वीटियाने में जुटी 'द प्रिंट' की इस पत्रकार का नाम #2bhkflats पड़ गया था!