कुछ लोग हैं जो अभी कुछ दिन पहले भारतीय आर्मी पर उंगली कर रहे थे, और लोगों को बता रहे थे चीनी आर्मी के पास उन्नत तकनीक के हथियार है और स्वदेशी वेपन है और हम से ताकतवर है, तो उनके लिए बता दू कि चाइना के ज्यादा तर हथियार दिखाने के काम आते है युध्द क्षेत्र में नहीं और ज्यादातर हथियार इज़राइल,अमेरीका,रशिया कि काॅपि है और ओरिजिनल व डूप्लीकेट मे तो आपको फर्क पता होगा।
हा हमारे पास स्वदेशी हथियार कम ही है लेकिन इसका कारण है रक्षा क्षेत्र के कम्पनी को बढावा नहीं देना।
अगर रक्षा क्षेत्र में ध्यान दिया जाता तो हम भी रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भर होते।
एक समय था कि हमारे पास 7 दिन के लिए गोला बारूद थे लेकिन आज 40 दिन के लिए है।
कई साल से हमे कमजोर करने की कोशिश की गई पर वो नाकाम रही, वो कहते है ना "वीरो की भूमि बंजर हो सकती है पर पैदा वीरो को ही करती है।"
हमने 5-6 सालो में रक्षा के क्षेत्र में गती पायी है जो देश द्रोहीयो को हजम नहीं होगा।
अभी गलवान में हुई झडप में बिहार व पंजाब रेजिमेंट के दो घातक प्लाटुन(एक प्लाटून 20 जवान) के जवानो ने ऐसी तबाही मचाई कि 12 बार चीनी हेलीकाप्टर लासे लेने आये थे अगर एक बार में 15 को भी लेके गये तो 180 लाशे हुई।