OmParkash Garg's Album: Wall Photos

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कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी हिंदू समाज ने अपनी जीत का उत्सव यह सोचकर नहीं मनाया था कि इससे दूसरे पक्ष को असहज अथवा अपमानित महसूस ना होना पड़े। आप की उसी भलमनसाहत का नतीजा है कि आज भी कॉंग्रेसी, वामपंथी, ओवैसी जैसे मुस्लिम और आपके विरोधी आपके शिलान्यास के कार्यक्रम में तरह-तरह के अड़ंगे डालने की कोशिश कर रहे हैं।

स्मरण रहे कि आपने कोई दीवानी मुकदमा नहीं जीता है, आपने 500 वर्षों के संघर्ष और लाखों बलिदान के बाद कोर्ट के आदेश के उपरांत यह विजय पाई है।

पहला उत्सव ही शानदार होना था कि आपके उत्साह, आपकी एकता, आपके उत्सव को देख ओवैसी जैसे, राहुल गांधी अथवा शरद पवार जैसे लोगों का मनोबल उसी वक्त टूट जाता। लेकिन कुछ लोगों के कहने पर आपने गंगा-जमुनी तहजीब दिखाना उचित समझा। किन्तु बदले मे आपको क्या मिला ? ताहिर हुसैन द्वारा दिल्ली मे हिन्दूओ की निर्मम हत्या, तेजाव, पेट्रोल बम, पथराव, बलात्कार और भी ना जाने क्या-क्या। शरजिल इमाम जैसे लोगों के देश-विरोधी बयान और लोगों को भड़काना। CAA के विरोध मे देश व्यापी आंदोलन, दिल्ली के शाहीन बाग मे 100 दिन का धरना, देश की अरबों-खरबों की हानि।

हम भाग्यशाली है कि श्रीराम जी की कृपा से एक बार फिर हमे यह अवसर मिला है।

इस बार की जश्न शानदार होना चाहिए, लोगों को दिखना चाहिए कि आपका मनोबल अपने उच्चतम शिखर पर है। आतिशबाजी चलाइए, दीपक जलाइए, शंखनाद कीजिए। 500 वर्षों के इस महोत्सव को पूरी धूम-धाम से मनाइए।

स्वयं को भाग्यशाली समझिए कि प्रभु श्रीराम ने ये अवसर आपके भाग्य मे लिखा है। अब भी नहीं जाग सकते तो सोचिए कि क्या आपके जागने का कोई भी उपाय नहीं है ?
सौजन्य-जनार्दन मिश्र जी
जय श्रीराम.. सीता-राम..
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