विकसित पौराणिक भारत!
ये जैसलमेर के एक पौराणिक महल में खिड़की पर लगी जाली है,आश्चर्य करने वाली बात ये है कि ये न तो लोहे या स्टील से बनी है बल्कि ये पत्थर की बनी है,अब आप अनुमान लगाओ,हमारे पूर्वजों/वास्तुकारों नें कितनी लग्न और मेहनत से ये बनाई होंगी। इस जाली की विशिष्टता ये है कि अंदर से बाहर देखा जा सकता है,लेकिन बाहर से अंदर देखना नामुमकिन है।
इसका अर्थ यही है की हमारे पूर्वज उन्नत विज्ञान के ज्ञाता थे।