रोज की तरह आज भी लगभग सुबह पौने पाँच बजे, तेज शोर से अचानक नींद खुल गई!!.. अजान हो रही थी !!..
अब मस्जिदे बहुत ज्यादा दूरी पर नही रह गई थी. हर मोहल्ले में मिलने वाले पार्क अब मस्जिदों का रूप ले चुके है !!.. अजान ही अब अलार्म बन चुकी थी !!..
हमने नित्य कर्म किया और सुबह की सैर को चल पड़े !!..
अब सड़के 20 साल पहले वाली सड़के नही रह गई थी, स्वच्छ !.. अब सड़को पर जगह जगह अंडों के छिलके पड़े रहना आम बात थी !.. छिलकों से बचते हुए सड़क पार करने में ही, योग हो जाया करता था !!..
योग सिर्फ कहावतों और कहानी किस्सों में बचा था !.. संविधान में नए कानून के तहत योग को 'हराम' घोषित किया जा चुका था !..
योग अब बैन था !!..
हम घर पहुंचे !. बच्चे स्कूल जाने को तैयार हो चुके थे !..
कुर्ता पजामा और जालीदार टोपी !..
अब स्कूलों की यही यूनिफॉर्म थी !!.. हम बच्चों को कुर्ता पजामा और टोपी पहनाकर स्कूल छोड़ने चले गए !!..
वापिस आये तो श्रीमती जी ने कहा, जाइये सब्जी ले आइये !..
अब सब्जियों के मार्केट काफी कम हो गए थे !..
जहां-तहाँ, सिर्फ मछली, मटन, अंडों की दुकानें. बीच मे एक दो सब्जी के ठेले !!..
अब एक ही ठेले पे मछली, अंडे, सब्जी सब साथ होती थी !.
एक ही तराजू पे मछली भी तुलती थी, और सब्जी भी !!.. मन पक्का कर हम ले आये सब्जी !!..
श्रीमती जी ने खाना बनाया और हम खाकर, दफ्तर की और चल दिये !!..
अब दफ्तर वो 20 साल पहले वाले दफ्तर नही थे !!.. जब दफ्तर की शुरुआत में राष्ट्रगान होता था और समापन पर राष्ट्रीय गीत !!..
दफ्तर की शुरुआत अजान से हुई !!..
हमने अजान पढ़ी और काम मे लग गए !.. दफ्तर का समय खत्म हुआ !.. नियमानुसार नमाज हुई !...
हमने नमाज पढ़ी और घर आ गए !!..
तब तक बच्चे भी स्कूल से आ चुके थे !.. कोचिंग क्लासेस जाने की तैयारी कर रहे थे !!.. #उर्दू_स्पोकन_क्लासेस !!.. जी !!.. अब सारे मार्केट की दुकानों के नाम और सूचना पट उर्दू में ही लिखे जाते थे !!..
उर्दू सीखना अब "जरूरी" भी था और "मजबूरी" भी !!..
बच्चे कोचिंग चले गए !.. हम श्रीमती जी के साथ tv देखने लगे.. सीरियल के नाम भी बदल गए थे !.. खाला हो तो ऐसी, आपकी आपा, बकरा किश्तों पे और नमाज पढ़ने के तरीके जैसे !..
अब इन्हें ही देखना हमारी नियति बन चुकी थी !..
बच्चे कोचिंग से आ गए !.. खाना खाकर अजीब सी जिद करने लगे !..
पापा पापा बहुत दिन हो गए मन्दिर गए हुए !!..
अब नेपाल कब जाएंगे ??..
जी ! अब सबसे नजदीक में मन्दिर नेपाल में ही थे !!..
देश के मंदिर तो "गोल गुम्बद" बन चुके थे !..
हां-हां जाएंगे बेटा जरूर जाएंगे मन्दिर !.. पर गर्मी की छुट्टियों में !!.
ये सुन बच्चे नाराज होकर चले गए !!..
बच्चों की ये हालत देखकर श्रीमतीजी की आंखों से आँसू बहने लगे !!..
हम दोनों 20 साल पहले के अतीत में खो गए !..
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किस तरह हम आज से 20 साल पहले कालेज की पार्किंग में ' मोदी जी, योगी जी' को गालिया दे रहे थे !!.. उन्हें बांटने वाला कहकर भला-बुरा कह रहे थे !!..
फिर वो कालेज की कैंटीन , जहाँ चाय पी-पीकर मोदी-योगी को गरिया रहे थे !!.. टेबल पर बैठे मुस्लिम दोस्तो से ज्यादा, हिंदुत्व के विरुद्ध खून हमारा का खौलता था !!..
हम अपने ही हिन्दू भाइयों को ऐसे गरियाते जैसे अपने मुस्लिम दोस्तो को खुद के #सेक्युलर और #लिबरल होने का प्रमाण पत्र दे रहे हो !!..
कुछ हिन्दू मित्रो ने हमे समझाया भी था !!.. #जनसंख्या_नियंत्रण_कानून पर समर्थन भी मांगा था !!... किन्तु उस समय हमारे ऊपर #खुली_सोच !!.. #मॉर्डनाइजेशन !!.. और #लिब्रिज्म !!.. का नशा छाया हुआ था !!..
किस तरह हमने उन हिन्दू मित्रो को पूरे कालेज के सामने अपमानित किया !!..
#साम्प्रदायिक कहकर उन्हें बदनाम किया. हमेशा उनसे घृणा की !!..
ये सब सोचते-सोचते अचानक हमारे मुँह से निकल पड़ा !..
श्रीमती जी काश उस समय कालेज में हमें #सेक्युरिज्म का कीड़ा ना काटा होता और आप #लिब्रिजम की चादर ओढ़े ना बैठी होती !!.. तो आज ये दिन ना देखने पड़ते !..
आज हमारे बच्चों की इस हालत के जिम्मेदार कोई और नही, सिर्फ हम है !..
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दोस्तो ये तो सिर्फ एक कल्पना थी ..हक़ीक़त भी बन सकती है.. अतः ये हक़ीक़त ना बने हम सबको एकजुट होकर कड़े जनसंख्या कानून के लिए आवाज उठाना होगा.. मोदी योगी और हिन्दू भाइयो का साथ देना होगा..
#छद्म_सेक्युरिज्म और #ढोंगी_लिब्रिज्म से बाहर आना होगा !!.. सख्त जनसँख्या नियंत्रण क़ानून पर खुलकर समर्थन करना ही होगा ...
वरना आने वाली पीढ़ियां हमे कभी माफ नही करेंगी !!.
साभार:- मैसेंजर......