Sanjay Oza's Album: Wall Photos

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2004 में सत्ता हाथ में आते ही सोनिया गाँधी ने कांग्रेस की मध्यमार्गी विचारधारा को बदलना शुरू कर दिया था। उन्होंने कांग्रेस को लेफ्ट, जिहादी और मिशनरी ताकतों का कॉकटेल बना दिया।

- नेशनल एडवाइज़री काउंसिल NAC बनाकर प्रधानमंत्री के समानांतर संस्था खड़ी की। उसमें नक्सलियों, जिहादियों और ईसाई मिशनरी के लोगों को रखा।

- 2004 में दिवाली की रात में होने वाली त्रिकाल पूजा से उठाकर कांची के शंकराचार्य को गिरफ़्तार कराया। क्योंकि मठ के लिए लोगों की आस्था धर्मांतरण में रुकावट बन रही थी।

- संविधान का 93वां संशोधन कराया। ताकि SC-ST जातियों के लोग हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई या मुसलमान बनने को मजबूर हों।

- आतंकवादियों को खुली छूट दी गई। दिल्ली, मुंबई ही नहीं बनारस, फ़ैज़ाबाद, मालेगांव में बम फूटने लगे। पाकिस्तानी आतंकियों को बचाने का खेल शुरू हुआ (समझौता ब्लास्ट)।

- हिंदुओं को आतंकी साबित करने का प्रोजेक्ट शुरू हुआ। सेना और साधु-संतों पर फ़र्ज़ी केस थोपे गए।

- 2009 में ईसाई मिशनरियों के कहने पर Right to Education Bill (RTE) पास कराया। जिससे देशभर में हिंदुओं के लिए स्कूल चलाना लगभग असंभव हो गया। हज़ारों स्कूल बंद हुए। उनकी जगह कॉन्वेंट और मदरसे खुले।

- कभी लिंगायत, कभी कबीरपंथी और कभी साईं बाबा वाले खुद को अल्पसंख्यक की मान्यता देने की माँग करते हैं तो इसके पीछे सोनिया का RTE ही है।

- कांग्रेस का यह नक्सलीकरण, इस्लामीकरण और ईसाईकरण अब पूरा हो चुका है।

- JNU, जामिया या AMU से निकला कोई भी रेडिकलाइज्ड नक्सली या जिहादी सीधा कांग्रेस के आईटी सेल में एंट्री पाता है।

- हार्दिक पटेल, कन्हैया, मेवाणी, रावण जैसे लोग रातों-रात राहुल गाँधी के करीबी बन जाते हैं।

- कांग्रेस में अब वही रह सकता है जो वामपंथ, इस्लाम और ईसाई नेटवर्क का हिस्सा है। सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य या उनके जैसा कोई भी प्रतिभाशाली नेता अगर यह शर्त पूरी नहीं करता तो उसे जाना ही होगा

#चंद्रप्रकाश✍