एक मुख्यमंत्री यानी अशोक गहलोत अपने सगे बेटे को अपने ही खुद के शहर में चुनाव नहीं जीता सकता जबकि उसकी खुद की सरकार है और वह यह आरोप भी नहीं लगा सकता कि बीजेपी ने ईवीएम हैक कर लिया या बीजेपी ने शासन प्रशासन का दुरुपयोग कर लिया
आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि अशोक गहलोत की राजनीति में क्या औकात है और उसका क्या जनाधार है
लेकिन कांग्रेस में वही व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है जो इन फर्जी गांधीओं को हर महीने नोटों से भरा बक्सा देने का वायदा करता हो