ये मरकज़ लॉ कॉलेज, कालीकट (केरल) से 5 साल की LL.B. करने वालों का पहला बैच है ! इसमें 35 वकीलों ने भारतीय कानूनों के साथ शरीयत को भी पढ़ा है ! कल को ये वकील जज भी बन सकते हैं ! अंदाजा लगाइए जो शरिया भारत के संविधान और तमाम कानूनों को मानने से इनकार करती है ! उसके विद्वान जज बनकर कैसे-कैसे फैसले देंगे ? यह भारत के इस्लामीकरण की आखिरी से ठीक पहले वाली (यानी सैकिंड लास्ट) स्टेज है !
…कांग्रेस , …कम्युनिस्ट, …भीमटे , क्षेत्रीय दल्लों सहित …सेक्यूलर आखिरकार धरती को हिन्दू विहीन करने की मुहिम पूरी करने के कगार पर पहुंच गए ...
और राष्ट्रवादी गृह मंत्रालय, PMO क़यामत के दिन का इंतज़ार कर रही है !
ऐसी संस्थाएँ जो शरिया को मान्यता देती हैं उनका दमन क्यूँ नहीं हो रहा ? किस बात का इंतज़ार है ? कब होगा ?
धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए हमे सहयोग करे जिससे की हम अपने भाईयो के लिये लड़ सके