न्याय के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अदालत बड़ी है या कोई और अदालत.. हर कोई यही कहेगा कि सुप्रीम कोर्ट निसंदेह रूप से सर्वोपरि है लेकिन कड़वी हकीकत यह है कि सुप्रीम कोर्ट से बड़ी भी एक और ताकत है वह है.. सत्ता की ताकत या यूं कहें कि सत्ता के दलालों की ताकत...
सुप्रीम कोर्ट के आदेश जब जब भी इन सत्ता के दलालों ने अपने अनुरूप, अपने स्वहित के अनुरूप महसूस नहीं हुए तो उन्होंने उस आदेश का गला निर्ममता से घोटकर अपनी कुर्सी के पायदानो के नीचे उन कागजों को दबा कर बैठ गए...
ऐसे सैकड़ों उदाहरण है उनमें से एक उदाहरण 25 अक्टूबर 2005 का है जिसमें स्पष्ट रूप से सुप्रीम कोर्ट ने लिखा है कि संपूर्ण भारत में गौ हत्या बंद होनी चाहिए...
गौ हत्या के पक्ष में गौ हत्यारों द्वारा दिए गए तमाम कुतर्कों को अपने तर्क और प्रमाण सहित श्री राजीव दीक्षित और उनकी टीम ने गाय की महत्ता के बारे में यहां तक कि उसके मल मूत्र की उपयोगिता को साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज को प्रमाण के साथ इस गाय की मेहता को साबित किया था...
श्री राजीव दीक्षित ने गौ माता के गोबर में से मीथेन गैस निकालकर सुप्रीम कोर्ट के जज की गाड़ी 2 महीने तक चलवाई और प्रत्येक बात को तर्क और साक्ष्यों के साथ सुप्रीम कोर्ट के जज के सामने गौ माता की महिमा को वर्णित और सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि जिसके मल मूत्र में इतनी उपयोगिता है वह स्वयं कितनी उपयोगी होगी इस मानव जीवन और इस प्रकृति के लिए.. उसकी महिमा को जानकर स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने उपरोक्त तिथि को आदेश दिया था कि संपूर्ण भारत में गौ हत्या बंद होनी चाहिए...
लेकिन अफसोस की उनके आदेशों को अपने वोट बैंक को देखते हुए और अपने अनुरूप ना पाकर तत्कालीन सत्ता के दलालों ने इस आदेश को वहीं के वहीं दबा दिया और उसके बाद भी दूसरी आने वाली सरकारों ने भी अपने निजी स्वार्थों और वोट बैंक के कारण अब तक इस आदेश को लागू नहीं किया है...
इसलिए आम इंसान को अब जागरूक होने की जरूरत है समझ नहीं आता कि सुप्रीम कोर्ट आखिर बनाया किस लिए है?
अगर इसके आदेश सर्वोपरि नहीं है तो फिर इस न्यायालय का औचित्य ही क्या है?
और अगर इससे ऊपर भी कोई अदालत है तो फिर हमको इस सर्वोच्च न्यायालय में अपना समय खराब करने की क्या जरूरत है?
सभी बुद्धिजीवी इस विषय पर विचार विमर्श करें और अपने लिए नहीं तो कम से कम इस गौ माता के लिए भी सोचें कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा है तो फिर यह गौ हत्या अब तक क्यों और कैसे चल रही है...
सरकार से प्रार्थना है कि... #गौहत्या_बंद_करो_सरकार