राष्ट्रवादियों खास कर मोदी योगी समर्थको से सैकड़ों बार अनुरोध किया है कि मोदी योगी या सरकार की छवि खराब करने वाली नकारात्मक खबर पर तुरंत रिएक्ट मत किया कीजिए!
लेकिन कुछ लोगों में निष्पक्ष रहने कि चुल्ल मची रहती है कि बार बार दरबारी मीडिया के प्रोपोगंडा में फसकर मोदी योगी या सरकार की आलोचना शुरू कर देते है व्यंग बाण छोड़ना शुरू कर देते है!
आप किसको दिखाना चाहते है ये निष्पक्षता ? हम तो भक्त, अंध भक्त का टैग लेकर ही खुश है!
जिसको जो बकना है बकने दो! किसी लिब्रांडू की संतुष्टि के लिए आप काहे निष्पक्षता की बकलोली करने लगते है! एक प्रोपोगंडा में फसकर अपनी ही सरकार को रेलने लगते है!
निष्पक्षता में चुतियापा करने के बाद आपको शर्मिंदा होना पड़ता है, जग हसाई होती है अलग!
2 दिन पहले एक खबर प्लांट हुई कि हाईकोर्ट ने राजा भैया का केस वापस लेने के लिए यूपी सरकार से जवाब मांगा है!
मैंने कई न्यूज पढ़ी हर जगह तथ्यों को छिपाया गया था ताकि योगी सरकार की छवि खराब की जाए! इस समय वैसे भी माहौल कतई जातिवादी हुआ पड़ा है! ऐसे में योगी सरकार द्वारा राजा भैया का केस वापस लेने की न्यूज आग में घी डालने के मकसद से प्लांट की गई!
कई मित्रों ने फेसबुक पर भका भक पोस्ट करना शुरू कर दिया, व्यंग बाण छोड़ने शुरू कर दिए!
मैंने काफी देर गूगल पर सर्च किया पर मुझे कहीं एक न्यूज तक नहीं मिली जिसमें लिखा हो कि योगी सरकार ने 2017 से 2020 तक के कार्यकाल में राजा भैया का कोई केस वापस लेने का निर्णय किया हो या वापस लेने जा रही हो!
हां, 2017 से पहले की अखिलेश यादव सरकार ने अवश्य केस वापस लिया था! हाई कोर्ट ने उस समय वापस लिए गए केस का जवाब वर्तमान की योगी (यूपी) सरकार से मांगा था!
योगी सरकार ने हाई कोर्ट को जवाब दे दिया है! सरकार की तरफ से कोर्ट में दिए गए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि मार्च 2017 में योगी सरकार बनने के बाद राजा भैया से जुड़ा कोई भी मुकदमा राज्य सरकार ने वापस नहीं लिया है!
अब जिन जिन लोगों ने फेसबुक पर अपनी निष्पक्षता की बकलोली के चलते रायता फैलाया था, उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा या नहीं ?
इसीलिए कहता हूं कोई भी निगेटिव न्यूज पर तुरंत विश्वास करके, उस न्यूज के आधार पर अपनी राय पोस्ट करने से पहले कम से कम 2-3 दिन इंतजार कर लेना चाहिए, क्योंकि बात आपके द्वारा चुनी गई सरकार से संबंधित है!